रास में रीजीजू ने वरिष्ठ सदस्यों पर भ्रम पैदा करने व जवाब सुनने के लिए मौजूद नहीं रहने का आरोप लगाया

रास में रीजीजू ने वरिष्ठ सदस्यों पर भ्रम पैदा करने व जवाब सुनने के लिए मौजूद नहीं रहने का आरोप लगाया

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  • Publish Date - April 3, 2025 / 09:32 PM IST,
    Updated On - April 3, 2025 / 09:32 PM IST

नयी दिल्ली, तीन अप्रैल (भाषा) अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा के कुछ वरिष्ठ सदस्यों पर भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे (ये सदस्य) चर्चा का जवाब सुनने के लिए सदन में मौजूद नहीं रहते हैं।

रीजीजू निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने विधेयक का विरोध किया। मंत्री ने कहा कि सिब्बल ने वक्फ निकायों की संपत्तियों की तुलना अन्य धार्मिक निकायों की संपत्तियों से कर विधेयक पर भ्रम पैदा किया है।

उच्च सदन में वक्फ़ संशोधन विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ़ (निरसन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिब्बल ने प्रस्तावित कानून का विरोध किया और कहा कि गैर-मुस्लिमों को भी वक्फ बनाने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब जमीन मेरी है तो आप इसके लिए कानून बनाने वाले कौन होते हैं।’’ उन्होंने विभिन्न उच्च न्यायालयों के फैसलों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चार राज्यों में हिंदू (धार्मिक) संस्थानों में 10 लाख एकड़ से अधिक भूमि है।

सिब्बल ने कहा, ‘‘हिंदू धर्म में, स्व-अर्जित संपत्ति बेटों को दी जा सकती है, बेटियों को नहीं।’’ उन्होंने कानून में बदलाव कर स्व-अर्जित संपत्ति में बेटियों को भी अधिकार देने की मांग की। उन्होंने सरकार से इसे प्रभावी बनाने के लिए कानून लाने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि पहले वक्फ संपत्ति पर अनधिकृत अतिक्रमण था और यहां तक ​​कि सरकार ने भी वक्फ संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया था।

रीजीजू ने हस्तक्षेप करते हुए चार राज्यों में हिंदुओं के धर्मस्थलों की जमीन की तुलना मुसलमानों से करने पर आपत्ति जताई।

उन्होंने निराशा व्यक्त की कि कुछ वरिष्ठ सदस्य चर्चा में भाग लेते हैं, अपने मुद्दे उठाते हैं, लेकिन चर्चा के जवाब के समय सदन में मौजूद नहीं रहते।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इन धार्मिक निकायों के प्रबंधन के लिए अधिकारियों को नियुक्त करती है जो इन संपत्तियों (हिंदू) का प्रबंधन करते हैं।

सभापति जगदीप धनखड़ ने सिब्बल को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने (सिब्बल ने) अलग-अलग कानूनी स्पष्टीकरण दिए हैं।

धनखड़ ने कहा कि स्व-अर्जित संपत्ति बेटे, बेटी या किसी और को दी जा सकती है, क्योंकि यह देश का कानून है।

चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि अगर सरकार मुसलमानों के कल्याण के बारे में चिंतित है तो उसे इस विधेयक को सदन में लाने से पहले समुदाय को विश्वास में लेना चाहिए था।

कांग्रेस के ही अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया, ‘‘यह सरकार द्वारा अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का जानबूझकर किया गया प्रयास है, जिसके तहत वह एक ओर वक्फ संपत्तियों को दी जाने वाली सुरक्षा कम करना चाहती है वहीं दूसरी ओर इन संपत्तियों पर स्थायी रूप से दावा करने के लिए अपने नियंत्रण और शक्ति को बढ़ाना चाहती है।’’

भाषा अविनाश सुरेश

सुरेश