नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) स्मार्ट मीटर और स्मार्ट ग्रिड जैसे समाधान देश के बिजली वितरण क्षेत्र में सुधार लाने में मदद कर रहे हैं। नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन के निदेशक अतुल बाली ने सोमवार को यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इन पहल से बिलिंग दक्षता, राजस्व प्राप्ति और उपभोक्ता सशक्तीकरण में सुधार हुआ है।
उन्होंने यहां ‘फिक्की – भारत विद्युत ऊर्जा भंडारण सम्मेलन में कहा, ‘‘स्मार्ट मीटर और स्मार्ट ग्रिड वितरण क्षेत्र में स्पष्ट बदलाव ला रहे हैं।’’
सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों की परिचालन दक्षता और वित्तीय स्थिरता में सुधार के लिए 2021 में 3,03,758 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ महत्वाकांक्षी ‘पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना’ (आरडीएसएस) शुरू की थी। इस पहल के तहत सरकार का लक्ष्य सभी पारंपरिक मीटर को नई पीढ़ी के स्मार्ट मीटर से बदलना है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के सदस्य (तापीय) प्रवीण गुप्ता ने उत्पादन, पारेषण और भंडारण अवसंरचना में संतुलित योजना की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ तापीय बिजली संयंत्रों का लचीला संचालन जरूरी होता जा रहा है, लेकिन इसे इस तरह लागू किया जाना चाहिए कि संयंत्रों की दीर्घकालिक व्यवहार्यता सुरक्षित रहे।’’
फिक्की की विद्युत समिति के सह-प्रमुख और हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष दिनेश बत्रा ने कहा, ‘‘तापीय बिजली भारतीय विद्युत प्रणाली की रीढ़ बनी हुई है, लेकिन लचीलापन बढ़ाने की मांग के चलते परिसंपत्तियों पर काफी तकनीकी दबाव है।’’
भाषा पाण्डेय अजय
अजय