इस गांव में हिन्दू समुदाय के लोग भी मनाते है मुहर्रम, मस्जिद में होती है हिंदू रीति रिवाज से पूजा, जानिए क्या है वजह

  •  
  • Publish Date - August 9, 2022 / 05:12 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

Hindus believe in Muharram : बैंगलोर- पूरे देश में मुस्लिम लोग मुहर्रम का मनाते है। वहीं कर्नाटक के बेलागवी जिले के अंतर्गत आने वाले हीरबिदनौर गांव में सांप्रदायिक सद्भाव की एक अनूठी मिसाल देखने को मिली है।  इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता है। फिर भी यहां के हिन्दुओं ने मुहर्रम का त्यौहार मनाया। पिछले 5 दिनों से गांव में सांप्रदायिक सद्भाव की अलग ही तस्वीर नज़र आई। बेलागवी से तकरीबन 51 किमी दूर बसे इस गांव की आबादी लगभग 3 हजार है। गांव की आबादी में अधिकतर वाल्मीकि और कुरबा जाति के लोग हैं। यहां पर कोई भी मुसलमान नहीं है। लेकिन यहां एक मस्जिद है, “फकीरेश्वर स्वामी मस्जिद” जो एकता की अनूठी कहानी बयां करती है। दरअसल, दो मुस्लिम भाईयों ने बहुत पहले ये मस्जिद बनाई थी। उनके इंतकाल के बाद गांव वालों ने इसकी देखरेख का जिम्मा उठाया। एक हिंदू पुजारी यल्लपा नैकर हर दिन मस्जिद में जाकर हिंदू रीति रिवाज से पूजा करते हैं।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

read more : अचानक जाग उठा भाई-बहनों के प्रति प्रेम, सासंद ने कांग्रेस की पदयात्रा को लेकर कही ये बात 

Hindus believe in Muharram : मुहर्रम के दौरान नजदीक के गांव से एक मौलवी इस मस्जिद में आते हैं और लगभग एक हफ्ते तक यहां रुककर इस्लाम के मुताबिक इबादत करते हैं। वो इस दौरान मस्जिद में ही ठहरते हैं। वहीं एक ग्रामीण ने बताया कि गाँव के सभी लोग प्रतिवर्ष मुहर्रम मनाते हैं। पांच दिनों के दौरान अलग-अलग कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है। पूरा गांव लगभग सौ सालों से अधिक समय से एक साथ मुहर्रम मनाता आ रहा है। मुहर्रम को इस्लाम में रमजान के बाद इबादत का दूसरा सबसे पवित्र अवसर माना जाता है। इस महीने के पहले दिन को “हिजरी” भी कहा जाता है। वहीं अरब में नए साल की शुरुआत इसी दिन से मानी जाती है। मुस्लिम समुदाय इस दिन को बेहद अहम मानता है।

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें