नयी दिल्ली। भारत और पाकिस्तान में बड़े स्तर पर मनुष्यों के लिए दुश्वारियां पैदा करने वाली और वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति बाधित करने वाली भीषण गर्मी की संभावना, मानव द्वारा जनित जलवायु परिवर्तन के कारण 30 गुना ज्यादा रही।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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जलवायु पर अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह द्वारा किये गये और सोमवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई।
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इस वर्ष मार्च की शुरुआत से ही भारत और पाकिस्तान के बड़े हिस्से में समय से पहले ही गर्म हवाएं चलने लगी थीं जिनका ताप अब भी महसूस किया जा रहा है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि भारत में इस साल मार्च पिछले 122 साल के मुकाबले ज्यादा गर्म था।
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