india bans rice export
India’s Rice Production: देश में कुछ दिनों पहले गेंहू का संकट गहराया था जिसके बाद इसकी कीमत बढ़ोतरी भी हुई थी। अब गेहूं के बाद देश में चावल का संकट भी गहरा सकता है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में देश में चावल के उत्पादन में कमी आ सकती है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर भी 20 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया है। साथ ही टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है। इस विषय पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने जानकारी देते हुए कहा कि देश के चार राज्यों में आए सूखे की समस्या के साथ-साथ दूसरे फसलों की तरफ किसानों के रुझान के वजह से खरीफ के सीजन में देश में इस बार खरीफ के सीजन में 10 से 12 मिलियन उत्पादन कम रह सकता है।
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India’s Rice Production: हालांकि ये प्रारंभिक अनुमान है अगर बाद में अच्छी बारिश हो जाती है तो आंकड़ों में कुछ परिवर्तन भी देखने को मिल सकता है। पहले आधिकारिक अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में खरीफ फसल की बुआई पर असर पड़ा है। 2021-22 खरीफ सीजन में 111 मिलियन टन चावल का उत्पादन हुआ था।
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India’s Rice Production: सुधांशु पांडे ने कहा कि धड़ल्ले से एक्सपोर्ट के चलते देश के टूटे हुए चावल की कमी होने लगी थी। इससे रेट भी लगातार बढ़ रहे थे। जिसके चलते टूटे चावल के एक्सपोर्ट पर पूरी तरीके से बैन लगाने का फैसला किया गया है। टूटे हुए चावल के दामों में साल 2022 के दौरान 38 फीसदी का उछाल आया है तो अप्रैल से जून के बीच 2.13 मिलियन टन चावल का एक्सपोर्ट किया गया है दो एक साल पहले 1.58 मिलियन टन रहा था। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत में अभी भी चावल का सरप्लस उत्पादन हो रहा है।
India’s Rice Production: गुरुवार को सरकार ने गैर-बासमती चावल निर्यात पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट टैक्स लगा दिया था। 9 सितंबर, 2022 यानि आज से ये फैसला लागू हो चुका है। वित्त मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू ने ये जानकारी दी है। खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के सिफारिशों के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है। खाद्य आपूर्ति मंत्रालय ने पीडीएस और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए प्रर्याप्त स्टॉक रखने के लिए चावल के एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने की सलाह दी थी।