India not only buys weapons, also sells! You will be surprised to see this

भारत सिर्फ हथियार खरीदता नही, बेचता भी है! ये रिपोर्ट देख रह जाएंगे हैरान, अमेरिका जैसे देश भी लेते है भारत से जंगी सामान

राजधानी दिल्ली (Delhi) में चल रहे दो दिवसीय मिलिट्री-एम्युनेशन कांफ्रेंस (Military Ammunition Conference) के दौरान हरे रंग की एक खास बुलेट बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि यही हरे रंग की बुलेट भारत (India) अमेरिका (US) को निर्यात कर रहा है।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : July 28, 2022/7:50 pm IST

Ammo India 2022: राजधानी दिल्ली (Delhi) में चल रहे दो दिवसीय मिलिट्री-एम्युनेशन कांफ्रेंस (Military Ammunition Conference) के दौरान हरे रंग की एक खास बुलेट बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है। क्योंकि यही हरे रंग की बुलेट भारत (India) अमेरिका (US) को निर्यात कर रहा है। दरअसल, भारत अभी तक हथियारों के आयात के लिए ही दुनियाभर में जाना जाता था। लेकिन अब भारत ने रक्षा-क्षेत्र (Defence Sector) में आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ हथियार और गोला-बारूद (Arms- Ammunition) निर्यात (Export) करना भी शुरू कर दिया। इसी कड़ी में भारत ने अमेरिका को कारतूस निर्यात करना शुरु कर दिया है।

मिलिट्री-एम्युनेशन यानी एमो-इंडिया प्रदर्शनी के दौरान हथियार और गोला-बारूद की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है। इस प्रदर्शनी में सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह की कंपनियों ने शिरकत की है। हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड यानि ओएफबी के निगमीकरण (कोरपोरेटाइजेशन) के बाद बनी नई डिफेंस-पीएसयू, म्युनेशन इंडिया लिमिटेड के स्टॉल पर एक कारतूस से लेकर टैंक और तोप तक के गोले रखे हुए हैं। लेकिन इनमें से एक कारतूस की टिप पर हरा रंग लगा हुआ है।

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क्या बोले म्युनेशन इंडिया के अध्यक्ष?
म्युनेशन इंडिया लिमिटेड के जीएम, निशित द्विवेदी ने खास बातचीत में बताया कि यही वो कारतूस है जो भारत अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है। उन्होने बताया कि एमो-इंडिया का मकसद ही है कि भारत की हथियारों के आयातक देश की तस्वीर को बदलना। यही वजह है कि देश की सेनाओं के लिए तो सरकारी और निजी कंपनियां गोला-बारूद बनाएंगी ही साथ में उनको इन गोलियों के एक्सपोर्ट करने के लिए उत्साहित किया जाएगा।

दरअसल, 2020 में ओएफबी ने अमेरिका के लिए कारतूस बनाने का सौदा किया था। इस कारतूस को एम-193 बॉल बोला जाता है और ये 5.56X 45 एमएम कैलिबर के हैं। महाराष्ट्र के वरनगांव स्थित म्युनेशन इंडिया के प्लांट में अमेरिका के लिए 5.56X 45 एमएम नाटो एम 193 बॉल-एम्युनिशन तैयार किया गया है।

कौन है दुनिया का सबसे बड़ा आर्म्स इंपोर्टर?
आपको बता दें कि अभी तक भारत की पहचान दुनिया के सबसे बड़े आर्म्स-इंपोर्टर देश के तौर पर है। लेकिन पिछले कुछ समय से मोदी सरकार रक्षा क्षेत्र में निर्यात पर जोर दे रही है। रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक रक्षा-क्षेत्र में करीब 5 बिलियन डॉलर यानी करीब करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य रखा है। वर्ष 2020-21 में भारत का डिफेंस सेक्टर में निर्यात करीब 13 हजार करोड़ का था जो 2016-17 के मुकाबले सात गुना ज्यादा था।

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म्युनेशन इंडिया लिमिटेड के साथ साथ बीईएल (सरकारी) कंपनी ने आर्मेनिया से स्वदेशी ‘स्वाथी’ वैपन लोकेशन रडार सिस्टम एक्सपोर्ट करना का सौदा किया  है। इसके अलावा फिलीपींस के साथ हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइल के निर्यात का करार किया है। भारत स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए तेजस को भी निर्यात करने का प्लान बना रहा है।

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पिछले साल देश ने कितना गोला-बारूद किया है एक्सपोर्ट?
एमो-इंडिया प्रदर्शनी (Ammo India Exhibition) में गुजरात (Gujarat) की एक प्राईवेट कंपनी, राष्ट्रीय मेटल लिमिटेड ने भी हिस्सा लिया है। ये कंपनी बुलेट के केस और टिप का निर्यात करती है। कंपनी के प्रेसिडेंट, सी वी सुब्रमण्यम ने बताया कि उनकी कंपनी भारत की कंपनियों को भी मेटल के ये केस और टिप सप्लाई करने की तैयारी कर रही है। दरअसल, वर्ष 2020-21 में भारत ने जो 13 हजार करोड़ के गोला-बारूद का निर्यात किया है उसमें 70 प्रतिशत हिस्सेदारी प्राईवेट कंपनियों की ही है।

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