सूचना प्रसारण मंत्रालय कार्यकर्ताओं की जानकारी वेबसाइट पर डालने के मामले की हो जांच, हाईकोर्ट के निर्देश

सूचना प्रसारण मंत्रालय कार्यकर्ताओं की जानकारी वेबसाइट पर डालने के मामले की हो जांच, हाईकोर्ट के निर्देश

  •  
  • Publish Date - November 5, 2020 / 08:43 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह यह जांच करे कि कैसे साकेत गोखले सहित आरटीआई कार्यकर्ताओं की निजी जानकारी उसकी वेबसाइट पर सार्वजनिक की गई। न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की पीठ ने यह भी कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय गोखले की याचिका को अभिवेदन माने और तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करे।

पढ़ें- प्रहलाद को बोरवेल से बाहर निकालने में बज सकते हैं शाम को 6, परिजनों की आवाज पर दिखी हलचल

अदालत ने इसके साथ ही गोखले की याचिका का निपटारा कर दिया, लेकिन मंत्रालय द्वारा जांच शुरू नहीं करने पर उच्च न्यायालय का दोबारा रुख करने की उन्हें आजादी दी। अदालत ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह गोखले को मुकदमे पर आए खर्च के तौर पर 25 हजार रुपये का भुगतान करे। गोखले ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह मंत्रालय से 50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिलाए। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस मामले को दीवानी अदालत पर छोड़ दिया।

पढ़ें- सीएम शिवराज ने की पत्नी साधना सिंह के साथ करवाचौथ की पूजा, उधर नर्म…

उल्लेखनीय है कि अदालत गोखले की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने अपनी निजी जानकारी मंत्रालय की वेबसाइट से हटवाने का अनुरोध किया था।

पढ़ें- गौहर खान ने बॉयफ्रेंड जैद दरबार के साथ की सगाई, इस ..

गोखले ने इस साल जुलाई में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर के शिलांन्यास का विरोध करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके बाद से उन्हें घृणा फोन कॉल आ रहे थे। गोखले के मुताबिक उनकी निजी जानकारी नवंबर 2019 में मंत्रालय की वेबसाइट पर डाली गई और जब उन्होंने इसके खिलाफ मंत्रालय को पत्र लिखा तो इस साल सितंबर में जानकारी हटाई गई।