जामिया नगर हिंसा मामला : अदालत ने इमाम, तन्हा व अन्य को बरी करने के आदेश को आंशिक रूप से रद्द किया

जामिया नगर हिंसा मामला : अदालत ने इमाम, तन्हा व अन्य को बरी करने के आदेश को आंशिक रूप से रद्द किया

जामिया नगर हिंसा मामला : अदालत ने इमाम, तन्हा व अन्य को बरी करने के आदेश को आंशिक रूप से रद्द किया
Modified Date: March 28, 2023 / 12:36 pm IST
Published Date: March 28, 2023 12:36 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2019 के जामिया नगर हिंसा मामले में जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम और कार्यकर्ताओं आसिफ इकबाल तन्हा एवं सफूरा जरगर सहित 11 लोगों को बरी करने के सुनवाई अदालत के आदेश को मंगलवार को आंशिक रूप से रद्द कर दिया तथा उनके खिलाफ नए आरोप तय करने का आदेश दिया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रथम दृष्टया इमाम, तन्हा और जरगर सहित 11 आरोपियों में से नौ के खिलाफ दंगा करने एवं अवैध रूप से एकत्र होने का आरोप बनता है।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार से इनकार नहीं है लेकिन यह अदालत अपने कर्तव्य को लेकर जागरूक है और इस मुद्दे में इस तरह से फैसला करने की कोशिश की है। शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने का अधिकार शर्तों के अधीन है…। ’’

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अदालत के विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है।

यह मामला दिसंबर 2019 में यहां जामिया नगर इलाके में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों और दिल्ली पुलिस के बीच झड़प के बाद भड़की हिंसा से संबंधित है।

सुनवाई अदालत ने चार फरवरी के अपने आदेश में सभी 11 आरोपियों को बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था कि उन्हें पुलिस द्वारा ‘बलि का बकरा’ बनाया गया और असहमति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, न कि उसे दबाया जाना चाहिए।

भाषा अविनाश माधव

माधव


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