चेन्नईः Jayalalithaa death case तमिलनाडु की पूर्व सीएम और मशहूर अभिनेत्री जयललिता की मौत को लेकर कई चौकानें वाले खुलासे हुए है। दरअसल, तमिलनाडु सरकार ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। इस रिपोर्ट में समिति ने वीके शशिकला, जयललिता के डॉक्टर केएस शिवकुमार, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर पर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों की जांच के लिए आदेश देने की भी मांग की गई है।
Jayalalithaa death case जस्टिस ए अरुमुगासामी आयोग ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री की विश्वासपात्र वीके शशिकला के खिलाफ जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। अपने निष्कर्षों के आधार पर, आयोग ने जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला, डॉ शिवकुमार (जयललिता के निजी चिकित्सक और शशिकला के रिश्तेदार), पूर्व स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर को दोषी पाया और जांच का अनुरोध किया।
तमिलनाडु की पिछली ईके पलानीसामी सरकार ने जस्टिस अरुमुगासामी की अध्यक्षता में जयललिता के रहस्यमय इलाज और मौत से जुड़े मामले की जांच के लिए आयोग बनाया था। अरुमुगासामी आयोग की रिपोर्ट में अपोलो अस्पताल के अनुसार दावा किया गया है कि पूर्व सीएम जयललिता का 5 दिसंबर 2016 को रात 11.30 बजे निधन हो गया था। हालांकि, गवाह ने कहा कि जयललिता का निधन 4 दिसंबर, 2016 को दोपहर 3 से 3.50 बजे के बीच हुआ था, और जयललिता के निधन की आधिकारिक घोषणा में देरी थी। हालांकि, स्टर्नोटॉमी और सीपीआर जैसी गतिविधियों का इस्तेमाल भी हुआ ताकि जयललिता के निधन होने और उसके समय की जानकारी का खुलासा देरी से हो।
जयललिता की मौत मामले में 159 से अधिक गवाह अरुमुगास्वामी आयोग के समक्ष पेश हुए और अपनी बात रखी। खासतौर पर अरुमुगास्वामी आयोग ने नवंबर 2017 में जयललिता के करीबी सहयोगियों और इलाज करने वाले डॉक्टरों, तमिलनाडु के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विजयभाकर, तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव राधाकृष्णन, तमिलनाडु के तत्कालीन वित्त मंत्री और अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता ओ पन्नीरसेल्वम की कई सुनवाई के साथ अपनी जांच शुरू को शुरू किया था।