नई दिल्ली : Jitendra Narayan Tyagi surrendered in court : हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया हैं। धर्म संसद हेट स्पीच मामले में उनकी अंतरिम जमानत समाप्त हो गई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को अपनाने के बाद से वह लड़ाई में अकेले हो गए हैं। लेकिन उन्हें घर वापसी का कोई मलाल नहीं है।
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Jitendra Narayan Tyagi surrendered in court : धर्म वापसी पर बोलते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा, जब से मैंने सनातन धर्म को अपनाया है, तब से इस लड़ाई में अकेला हो गया हूं। लेकिन इसका मुझे कोई अफसोस नहीं है। मैंने काफी सोच समझकर इस धर्म को अपनाया है। उन्होंने कहा कि घर वापसी करके उनको कोई मलाल नहीं है। उनको कोई निराशा नहीं है और वह और लोगों से भी अपील करते हैं कि सब घर वापसी करें। जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि इससे पहले भी मुझे ज्वालापुर के लोगों ने जेल के अंदर मारने की साजिश बनाई थी, लेकिन वह जेल प्रशासन के सख्त होने के कारण साजिश को अंजाम नहीं दे पाए।
Jitendra Narayan Tyagi surrendered in court : उधर, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि जब जितेंद्र नारायण त्यागी एक बार फिर जेल रहा जा रहे हैं तो हम सब का मन दुखी है। आखिर हिंदू धर्म में आकर वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी बन गए हैं, लेकिन उन्हें मिला क्या? हम सबको जितेंद्र नारायण त्यागी का देना चाहिए था जो हम सब ने नहीं दिया। हरिद्वार की शांभवी धाम काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। इस लड़ाई में जहां-जहां भी हम सब की जरूरत होगी, तब जितेंद्र नारायण त्यागी के साथ खड़े दिखाई देंगे।