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रांची, 24 फरवरी (भाषा) झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि पिछले साल हुए राज्य विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन को मिले भारी जनादेश से पता चलता है कि पार्टी ने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है, जिस पर विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विरोध जताया।
झामुमो नीत गठबंधन पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ता में लौटा तथा उसने भाजपा के जोरदार प्रचार अभियान के बावजूद उसे पराजित कर दिया।
गंगवार ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चुनाव में रिकॉर्ड मतदान न केवल लोकतंत्र में लोगों की आस्था को दर्शाता है, बल्कि सरकार के काम और नीतियों में भी उसकी अटूट आस्था का परिचायक है।’’
राज्यपाल ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव तथा सत्तारूढ़ गठबंधन को मिला भारी जनादेश सरकार के लिए जन कल्याण की दिशा में प्रतिबद्धता से काम करने की प्रेरणा शक्ति होगी।
गंगवार ने कहा कि सरकार युवाओं, महिलाओं और वंचितों सहित सभी के सशक्तिकरण में विश्वास करती है। उन्होंने ‘मैय्या सम्मान योजना’ और ‘अबुआ आवास’ सहित सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया।
भ्रष्टाचार को राज्य की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इसे मिटाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें संलिप्तता के आरोप में 56 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि 2024 में 248 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 24 को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया गया और नौ को मार गिराया गया।
विपक्षी दल भाजपा ने राज्यपाल के अभिभाषण में कोई सच्चाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए नारे लगाए।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि सदन की कार्यवाही में बाधा डालना विधानसभा की परंपरा नहीं है।
नवंबर 2024 में राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की शानदार जीत के बाद झारखंड विधानसभा ने दिसंबर में चार दिवसीय सत्र आयोजित किया था।
पहले सत्र के दौरान रवींद्रनाथ महतो विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए थे और 81 सदस्यों को शपथ दिलायी गयी थी।
भाषा सुरभि नरेश
नरेश