पटना,बिहार। मधुबनी में एक 22 साल के पत्रकार औऱ आरटीआई कार्यकर्ता का शव सड़क के किनारे पाया गया। शव को जलाकर फेंका गया था। पत्रकार का नाम अविनाश झा था जो कि एक लोकल न्यूज पोर्टल में काम करते थे। बीते दिनों उन्होंने एक निजी अस्पताल में धांधली को लेकर पोस्ट अपलोड की थी। इसके बाद से ही वह गायब थे।
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अविनाश की रिपोर्टिंग की वजह से कई क्लीनिक और निजी अस्पतालों पर कार्रवाई हुई थी। उनमें से कई अस्पताल बंद हो गए थे तो कुछ को जुर्माना भरना पड़ा था। बताया जाता है कि रिपोर्ट्स को रोकने के लिए उन्हें न सिर्फ धमकियां मिलती रहती थीं बल्कि कई बार मोटी रकम का ऑफर भी दिया जाता था।
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बेनिपट्टी में लोहिया चौक के पास उनका मकान है। घर पर लगे सीसीटीवी के मुताबिक उन्हें आखिरी बार मंगलवार को रात में देखा गया था। रात में 9 बजे के करीब वह घर के पास ही टहल रहे थे और मोबाइल पर बात कर रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में यह भी देखा गया कि वह कई बार अपनी क्लीनिक में भी गए जो कि उसी लेन पर है।
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आखिरी बार उन्हें रात 10 बजे के करीब देखा गया जब वह गले में पीले रंग का मफलर डालकर पैदल ही लोहिया चौक के पास टहल रहे थे। वह बेनीपट्टी पुलिस स्टेशन के पास से गुजरे थे। उनकी मोटरसाइकल घर पर ही थी। हालांकि क्लीनिक खुला हुआ था और लैपटॉप भी खुला था।
सुबह हुई तो घर वाले यही सोच रहे थे कि वह किसी काम से गए होंगे औऱ शाम तक घर आ जाएंगे। लेकिन जब एक दिन बीत गया और वह वापस नहीं लौटे तो घर वालों ने पुलिस में शिकायत की और उनका मोबाइल फोन ट्रैक करने की कोशिश की गई।
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बुधवार सुबह 9 बजे तक ही उनका फोन पांच किलोमीटर दूर एक गांव में स्विच ऑफ हो गया। पुलिस वहां पहुंची लेकिन आगे का कोई सुराग नहीं मिल सका। एक और दिन बीत गया और पुलिस पत्रकार को नहीं ढूंढ पाई। शुक्रवार को अविनाश के चचेरे भाई को पता चला कि उनका शव सड़क पर पाया गया है।
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घऱ-परिवार के लोग वहां पहुंचे लेकिन शव बुरी तरह जला हुआ था। उंगली की अंगूठी से उनकी पहचान की जा सकी। उनकी गर्दन और पैर पर चेन से बांधने का निशान भी पाया गया।
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