Kannan Gopinathan Congress || Image- INC X Handle
Kannan Gopinathan Congress: नई दिल्ली: कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू और कश्मीर के “बंद” के विरोध में 2019 में सेवा से इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन सोमवार को कांग्रेस में शामिल हो गए है। कन्नन गोपीनाथन कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और पार्टी नेता पवन खेड़ा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
कन्नन गोपीनाथन ने कहा है कि, कांग्रेस में शामिल होने का उनका निर्णय तब आया जब उन्हें एहसास हुआ कि कांग्रेस सही निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा, “मैंने 2019 में इस्तीफा दे दिया था। उस समय एक बात स्पष्ट थी कि, सरकार देश को जिस दिशा में ले जाना चाहती है, वह सही नहीं है। यह स्पष्ट था कि मुझे गलत के खिलाफ लड़ना है। मैंने 80-90 जिलों की यात्रा की और लोगों से बात की। मैं कई नेताओं से मिला। तब यह स्पष्ट हो गया कि केवल कांग्रेस पार्टी ही देश को उस दिशा में ले जा सकती है, जिस दिशा में उसे जाना चाहिए।”
Kannan Gopinathan Congress: कन्नन गोपीनाथन ने कहा, “अनुच्छेद 370 को हटाना सरकार का फ़ैसला हो सकता है। लेकिन अगर आप पूरे राज्य को बंद करने, सभी पत्रकारों, सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल में डालने, परिवहन, संचार और इंटरनेट बंद करने का फ़ैसला करते हैं, तो क्या यह सही है? यह सिर्फ़ मेरे लिए नहीं, हम सभी के लिए एक सवाल है। क्या एक लोकतांत्रिक देश में यह सही हो सकता है? क्या इसके ख़िलाफ़ आवाज़ नहीं उठनी चाहिए थी? मैंने यह सवाल उठाया था और मैं आज भी इस पर कायम हूँ।”
पूर्व अफसर को पार्टी प्रवेश कराने के बाद कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कन्नन गोपीनाथन जी, 2012 बैच के IAS अधिकारी रहे। जिस समय देश में बोलना लगभग नामुमकिन था, तब उन्होंने आवाज उठाई। कन्नन गोपीनाथन जी ने जम्मू-कश्मीर को राज्य से UT बनाए जाने पर बुलंद होकर आवाज उठाई और CAA के मुद्दे पर भी मुखर रहे। उन्होंने संदेश दिया कि लोगों से बोलने का हक नहीं छीना जा सकता है।”
कांग्रेस ने आगे लिखा, “गोपीनाथन जी ने VVPAT के मुद्दे पर भी खुलकर बोला। कई FIR और तमाम कार्रवाई झेलीं, लेकिन वे डरे और झुके नहीं। आखिर में उन्होंने ऐसी नौकरी छोड़ दी, जिसे सब हासिल करना चाहते हैं। हमें खुशी है कि गोपीनाथन जी ने कांग्रेस पार्टी को चुना। हमारे दरवाजे हर उस आवाज के लिए खुले हैं, जो आजादी और न्याय की बात करती है।”
कन्नन गोपीनाथन जी, 2012 बैच के IAS अधिकारी रहे। जिस समय देश में बोलना लगभग नामुमकिन था, तब उन्होंने आवाज उठाई।
कन्नन गोपीनाथन जी ने जम्मू-कश्मीर को राज्य से UT बनाए जाने पर बुलंद होकर आवाज उठाई और CAA के मुद्दे पर भी मुखर रहे। उन्होंने संदेश दिया कि लोगों से बोलने का हक नहीं… pic.twitter.com/vmKRCWQaAJ
— Congress (@INCIndia) October 13, 2025
Kannan Gopinathan Congress: गौरतलब है कि, अगस्त 2019 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। सरकार के इस फैसले से जम्मू और कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा प्रभावी रूप से समाप्त हो गया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया। इस फैसले के बाद से तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद से जम्मू और कश्मीर में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की ओर से राज्य का दर्जा बहाल करना एक प्रमुख मांग बनी हुई है।
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