करिश्मा कपूर के बच्चों ने उच्च न्यायालय को बताया, वसीयत में संजय कपूर के लिए ‘स्त्रीलिंग’ संबोधन

करिश्मा कपूर के बच्चों ने उच्च न्यायालय को बताया, वसीयत में संजय कपूर के लिए 'स्त्रीलिंग' संबोधन

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  • Publish Date - October 14, 2025 / 10:12 PM IST,
    Updated On - October 14, 2025 / 10:12 PM IST

नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उनके दिवंगत पिता संजय कपूर ने अपनी कथित वसीयत का मसौदा नहीं तैयार किया होगा क्योंकि उसमें उनके लिए ‘स्त्रीलिंग’ संबोधन वाले शब्दों का उपयोग किया गया है।

समायरा और कियान राज की ओर से पेश वकील ने न्यायमूर्ति ज्योति सिंह के समक्ष यह दलील दी। यह दलील संजय कपूर की संपत्तियों की कथित वसीयत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दी गई। इन संपत्तियों का मूल्य कथित तौर पर 30,000 करोड़ रुपये है।

वकील ने कहा कि एक बुनियादी सवाल यह है कि वसीयत पर संजय कपूर ने हस्ताक्षर किए थे, या घोषणा खंड में किसी महिला ने।

वकील ने अदालत को बताया, ‘‘इसे लिखने वाले लेखक संजय कपूर नहीं हो सकते। विचाराधीन खंड वसीयत करने वाले संजय कपूर द्वारा लिखी गई नहीं हैं। वसीयतकर्ता को स्त्रीलिंग बताया गया है… वसीयतकर्ता अब एक महिला हो गई। यह बेतुका है। यह अदालत में इस तरह की बात पेश करने की लोगों की हिम्मत को दर्शाता है। संक्षेप में, संजय कपूर ने एक महिला के रूप में इस वसीयत पर हस्ताक्षर किए हैं।’’

उन्होंने कहा कि इस गलती का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

वकील ने कहा कि यह वसीयत स्त्रीलिंग सर्वनाम से भरा हुआ है। स्त्रीलिंग सर्वनाम का इस्तेमाल सबसे अहम हिस्से में व्यक्ति का वर्णन करने के लिए किया गया है।

वकील ने कहा, ‘‘जब आपको चार जगहों पर (अंग्रेजी के शब्द) ‘शी’ (स्त्रीलिंग शब्द) और ‘हर’ (स्त्रीलिंग के रूप में संबोधन) मिलता है, तो यह अविश्वसनीय है कि संजय कपूर अपनी पूरी जानकारी के साथ इसे लिख सकते थे।’’

उन्होंने कहा कि बच्चों की सौतेली मां प्रिया कपूर और अन्य प्रतिवादी इस बात पर चुप हैं कि वसीयत किसने तैयार की है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसमें ऐसा क्या छिपा है कि आप इसे लाभार्थियों को नहीं देना चाहते? हमारा मामला बिल्कुल स्पष्ट है कि यह वसीयतकर्ता की वसीयत नहीं है और ऐसे मामलों में हर संदिग्ध परिस्थिति से निपटने की ज़िम्मेदारी उन (प्रतिवादियों) पर है… यहां हमारे सामने एक बुनियादी सवाल है कि वसीयत पर वसीयतकर्ता ने हस्ताक्षर किए थे या घोषणा खंड में किसी महिला ने।’’

अदालत बुधवार को भी इस मामले की सुनवाई करेगी।

करिश्मा के बच्चों ने कथित वसीयत की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश