Dispute in Lalu family: लालू परिवार में नहीं थम रहा विवाद! रोहिणी के बाद इन तीन और बेटियों ने छोड़ा घर, इस जगह पर देखें गए तीनों

लालू परिवार में नहीं थम रहा विवाद! रोहिणी के बाद इन तीन और बेटियों ने छोड़ा घर, Lalu's family in dispute! After Rohini, these three more daughters have left the family

Dispute in Lalu family: लालू परिवार में नहीं थम रहा विवाद! रोहिणी के बाद इन तीन और बेटियों ने छोड़ा घर, इस जगह पर देखें गए तीनों
Modified Date: November 17, 2025 / 01:15 am IST
Published Date: November 16, 2025 8:11 pm IST

पटनाः Dispute in Lalu family: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद लालू परिवार में टकराव बढ़ गया है। राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से नाता तोड़ने के ऐलान के एक दिन बाद रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक 2 सोशल मीडिया पोस्ट कर तेजस्वी यादव और संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए। इस बीच अब लालू की तीन और बेटियों ने एक साथ पटना छोड़ दिया है। रागिनी यादव, चंदा यादव और राजलक्ष्‍मी यादव बच्‍चों के साथ दिल्‍ली रवाना हो गईं। पटना एयरपोर्ट से इन सबकी तस्‍वीरें सामने आई हैं। इस दौरान किसी ने मीडिया से बात नहीं की। अब राबड़ी आवास खाली हो गया है।

 

View this post on Instagram

 

 ⁠

A post shared by Asian News International (@ani_trending)

विवाद पर तेज प्रताप ने कही ये बात

Dispute in Lalu family: रोहिणी आचार्य विवाद पर उनके छोटे भाई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने काफी कड़े तेवर दिखाए हैं। उन्‍होंने अपमान करनेवालों पर कृष्‍ण का सुदर्शन चक्र चलने की बात कही है। अपनी पार्टी जनशक्‍त‍ि जनता दल के सोशल मी‍ड‍िया हैंडल पर उन्‍होंने भावनात्‍मक पोस्‍ट किया है। उन्‍होंने लिखा है कि इस घटना ने उन्‍हें झकझोड़ कर रख दिया है। अपने पिता लालू प्रसाद से उन्‍होंने आग्रह किया है कि वे संकेत दें तो जयचंदों को बिहार की जनता जमीन में गाड़ देगी। वे अपना अपमान सहन कर गए, लेकिन बहन का अपमान असहनीय है।

रोहिणी ने सोशल मीडिया पर किया भावुक पोस्ट

रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया और न ही सच से मुंह मोड़ा। उनके मुताबिक, यही वजह थी कि परिवार में उनके साथ गलत व्यवहार हुआ। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “कल एक बेटी, एक बहन, एक मां का अपमान किया गया। उसे गंदी गालियां दी गईं, उसे चप्पल उठाकर मारने की कोशिश की गई। मैंने अपना स्वाभिमान नहीं छोड़ा, सच्चाई का साथ नहीं छोड़ा, और इसी कारण मुझे यह सब सहना पड़ा। कल मजबूरी में मुझे अपने रोते हुए माता-पिता और बहनों को पीछे छोड़कर जाना पड़ा। मुझे मेरे अपने ही मायके से दूर कर दिया गया… जैसे मुझे अनाथ कर दिया हो। मैं बस दुआ करती हूं कि आपमें से किसी की ज़िंदगी में कभी रोहिणी जैसी बेटी या बहन को ऐसी स्थिति न झेलनी पड़े।”


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।