Loan on Silver Jewellery
Loan on Silver Jewellery: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में एक अहम बदलाव की घोषणा की है, जिसके चलते अब चांदी की ज्वेलरी (Silver Jewellery) या सिक्कों (Silver Coins) को भी गोल्ड लोन (Gold Loan) की तरह गिरवी रखकर लोन लिया जा सकता है। नई नीति के तहत, “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (गोल्ड एंड सिल्वर लोन्स) डायरेक्शन्स, 2025” के अंतर्गत आती है, जो कि अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू होंगी। इस नीति के तहत अब चांदी की ज्वेलरी या सिक्कों को गिरवी रखकर भी लोन लिया जा सकता है, जो कि पहले केवल गोल्ड (सोने) पर ही निर्भर था। यह महत्वपूर्ण बदलाव विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले मध्यम वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद होगा।
जी हां, अब चांदी की ज्वेलरी पर लोन लेना संभव हो जाएगा, किन्तु अप्रैल 2026 तक इंतजार करना पड़ेगा। RBI के अनुसार, बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC), कोऑपरेटिव बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां चांदी के आभूषणों यां सिक्कों के आधार पर शॉर्ट-टर्म लोन दे सकेंगी।
वर्तमान में, कुछ बैंक जैसे SBI, HDFC या PNB में चांदी लोन की सीमित सुविधा हो सकती है, लेकिन नई नीति के बाद यह सभी नियामक संस्थाओं (जैसे कमर्शियल बैंक (Commercial Bank), कोऑपरेटिव बैंक (Cooperative Bank), NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां) के लिए मानकीकृत हो जाएगा। लोन केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए होंगे, जैसे कृषि, छोटे व्यापार या फिर व्यक्तिगत जरूरतें।
चांदी की ज्वेलरी पर लोन चुकाने की प्रक्रिया, गोल्ड लोन जैसी ही होती है, जिसमें भुगतान चुकाने के आपके पास कई तरीके होते हैं, जैसे एकमुश्त भुगतान या किस्तों में भुगतान। आईये जानतें है..
एकमुश्त भुगतान (Bullet Repayment): यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी आय नियमित नहीं है क्यूँकि इसमें आप लोन की पूरी अवधि के दौरान केवल ब्याज का भुगतान करते हैं। लोन की अवधि समाप्त होने पर, आपको एक ही बार में पूरी मूलधन राशि और शेष ब्याज चुकाना होता है।
प्रिंसिपल और ब्याज की किस्तें (EMI): यह विकल्प उन लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है जिनकी आय स्थिर और नियमित है क्यूँकि इसमें आप मासिक किस्तों में मूलधन और ब्याज दोनों का भुगतान कर सकते हैं।
यदि आप लोन नहीं चूका पाते हैं, तो ऋणदाता आपकी गिरवी रखी हुई चांदी की नीलामी कर सकता है।