नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि मध्य प्रदेश की धीरौली कोयला खनन परियोजना एक पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासी जनजातियों के लिए एक सामाजिक तथा आर्थिक आपदा बन चुकी है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस परियोजना के तहत पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है तथा वहां बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है।
रमेश ने बीते 12 सितंबर को आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में अदाणी समूह की धीरौली कोयला खदान परियोजना में वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए) और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पेसा) का उल्लंघन किया गया है। हालांकि, मध्यप्रदेश सरकार ने इस आरोप को खारिज कर दिया।
रमेश ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने पहले भी इस मुद्दे को उठाया था कि मध्य प्रदेश के धीरौली में मोदानी एंड कंपनी द्वारा कोयला खदान के लिए जंगल कटाई में प्रक्रियागत नियमों को पूरी तरह दरकिनार किया गया है। अब रिपोर्ट सामने आई हैं कि भारी पुलिस बल की मौजूदगी में गांव में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘स्थानीय ग्रामीणों को जंगल के इलाके के पास जाने से रोका जा रहा है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगाई गई है। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम को इस मुद्दे को उठाने पर गिरफ्तार कर लिया गया है।’’
रमेश ने कहा कि यह एक पर्यावरणीय त्रासदी और स्थानीय आदिवासी जनजातियों के लिए एक सामाजिक और आर्थिक आपदा है, जो अपनी आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर हैं।
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