‘लड़की के साथ तस्वीर वायरल कर बदनाम करना चाहता था आनंद गिरी’ महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट से हुए कई अहम खुलासे

'लड़की के साथ तस्वीर वायरल कर बदनाम करना चाहता था आनंद गिरी' ! mahant narendra giri suicide note anandgiri accused police crime

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  • Publish Date - September 21, 2021 / 08:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सुसाइड नोट सामने आने के काई अहम खुलासे हो रही हैं। सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी अद्या तिवारी, संदीप तिवारी को अपनी मौत जिम्मेदार बताया है साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि आज आनंद गिरि के कारण बहुत विचलित हो गया। आज हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी मोबाइल के माध्यम से किसी छोटी महिला या लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा। मैं महंत नरेंद्र गिरि बदनामी के डर से कहां-कहां सफाई देता रहूंगा। मैं जिस सम्मान से जी रहा हूं, तो बदनामी में कैसे जी पाऊंगा। इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं। 8 पेज के इस सुसाइड नोट के पेज 2 पर लिखा है कि मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। मेरी मौत के जिम्मेदार आनंद जी, अद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी पुत्र अद्या प्रसाद तिवारी होंगे। मेरा प्रयागराज के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से अनुरोध है कि मेरी हत्या के जिम्मेदार उपरोक्त लोगों पर कार्रवाई की जाए। ताकि मेरी आत्मा को शांति मिल सके।

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एक पेज पर महंत ने लिखा कि मैं नरेंद्र गिरी, वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। मंहत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट के हर पन्ने पर नीचे अपना नाम, तारीख लिखते हुए हस्ताक्षर किए है। साथ ही हर पेज पर ऊं नमोः नारायण भी लिखा है। सुसाइड के हर पन्ने पर महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी परेशानी को खुलकर लिखने की कोशिश की है। मंहत ने पेज 2 पर लिखा कि प्रिय बलवीर मठ मंदिर की व्यवस्था का प्रयास वैसे ही करना, जैसे मैंने किया है। आशुतोष गिरी, नितेश गिरि एवं मंदिर के सभी महात्मा बलवीर का सहयोग करना। सुसाइड नोट के पेज 3 पर महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि मैं महंत नरेंद्र गिरि वैसे तो, 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक दो दिन में आनंदगिरी कम्प्यूटर के माध्यम से किसी महिला या लड़की के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा। मैंने सोचा कहां कहां सफाई दूंगा। एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा। मैं जिस पद पर हूं, वह गरिमामयी पद है।

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आगे पेज 4 पर उन्होंने लिखा है कि सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चल जाएगी लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि। अद्या प्रसाद तिवारी और उनके लड़के संदीप तिवारी की होगी। इस सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने एक ही बात को कई बार रिपीट किया है। लेकिन पूरे सुसाइड नोट में उन्होंने आनंद गिरि, अद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी की तरफ ही इशारा किया है।

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