इंफाल, 20 दिसंबर (भाषा) मणिपुर उच्च न्यायालय ने 56 वर्षीय लैसराम कमलबाबू सिंह के लापता होने के संबंध में गठित जांच समिति को हर दो सप्ताह में एक बार मामले पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति गोलमेई गैफुलशिलु काबुई की पीठ ने बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कांगपोकपी जिले के लेइमाखोंग में एक सैन्य शिविर से कथित रूप से लापता हुए कमलबाबू के मामले की जांच जारी है और सीसीटीवी कैमरे के फुटेज प्राप्त हुए हैं तथा उन्हें आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में भेज दिया गया है।
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी जांच को आगे बढ़ाएंगे और सिग्नल रेजिमेंट, 57वीं फील्ड माउंटेन डिवीजन के कमांडिंग ऑफिसर जांच अधिकारी के साथ सहयोग करेंगे। पीठ ने कहा, ‘‘हम जांच समिति को निर्देश देते हैं कि वह मणिपुर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष सीलबंद लिफाफे में हर दो सप्ताह में एक बार रिपोर्ट दाखिल करे।’’
असम के कछार जिले के मूल निवासी कमलबाबू इंफाल पश्चिम जिले के खुखरुल में रहते थे। वह 57वीं माउंटेन डिवीजन के लेइमाखोंग सैन्य अड्डे में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (एमईएस) के साथ काम करने वाले एक ठेकेदार के लिए पर्यवेक्षक के रूप में काम करते थे। कमलबाबू 25 नवंबर को सैन्य शिविर से लापता हो गए थे।
अदालत ने इस महीने की शुरुआत में कांगपोकपी के जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक और 57वीं माउंटेन डिवीजन के कमांडिंग अधिकारी की एक समिति गठित करने और मामले पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
भाषा आशीष संतोष
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