Menka Gandhi On ISKCON
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की सांसद और एनीमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने इस्कॉन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सांसद मेनका ने दावा किया है कि इस्कॉन अपनी गौशाला की गायों को कसाइयों को बेचता है. उनके साथ बुरा सलूक किया जाता है। वही सांसद के इन आरोपों को इस्कॉन ने सिरे से खारिज कर दिया है। इस्कॉन ने मेनका के आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए कहा है कि बीजेपी सांसद के आरोपों से संस्था आश्चर्यचकित है।
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दरअसल मेनका गांधी का एक वीडियों सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे वह इस्कॉन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुनी जा सकती है। मेनका इस वीडियों में कह रही है इस्कॉन सबसे बड़ा धोखा है। ये लोग गौशाला की देखरेख करते हैं और सरकार इन्हें हर तरीके से मदद देती है, जिसमें जमीन भी शामिल है। इसके बावजूद जो गाय दूध नहीं देतीं, उन्हें कसाइयों के हवाले कर देते हैं।
मेनका आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्थित इस्कॉन की एक गौशाला का जिक्र करते हुए कहती हैं, ‘एक बार मैं वहां गई थी। पूरी गौशाला में एक भी गाय ऐसी नहीं मिली जो दूध न देती हो। न ही कोई बछड़ा मिला। इसका मतलब साफ है कि वो लोग (इस्कॉन) दूध न देने वाली गायों और बछड़ों को बेच देते हैं’
The biggest cheater in India today is #ISKCON.
ISKCON is selling all its cows to the butchers- BJP MP Maneka Gandhi
Allegations are serious,needs to be investigated.
— Avishek Goyal (@AG_knocks) September 26, 2023
वही इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए इसे तथ्यहीन करार दिया है। इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा कि उनकी संस्था गाय और बैल के संरक्षण के लिए न सिर्फ भारत में काम कर रही है, बल्कि दुनिया भर में लगी है। इस्कॉन की गौशाला में गाय और बैल तब तक रहते हैं जब तक वे जिंदा हैं। एक भी गाय, बैल या बछड़ों को कसाइयों को नहीं बेचा जाता है।
Response to the unsubstantiated and false statements of Smt Maneka Gandhi.
ISKCON has been at the forefront of cow and bull protection and care not just in India but globally.
The cows and bulls are served for their life not sold to butchers as alleged. pic.twitter.com/GRLAe5B2n6
— Yudhistir Govinda Das (@yudhistirGD) September 26, 2023
पश्चिमी तरफ हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में जाना जाने वाला, इस्कॉन को प्रसिद्ध गौड़ीय वैष्णव धार्मिक परंपरा के एकेश्वरवादी उपखंड के रूप में बेहतर पहचाना जाता है। मुख्य रूप से इस्कॉन भगवान कृष्ण की शिक्षाओं में विश्वास करता है। भगवान के पवित्र नामों का जाप कृष्ण चेतना में एक आवश्यक अभ्यास है। यह आध्यात्मिक सेवा की प्रमुख प्रक्रियाओं में से एक है। यह ईश्वर के साथ मनुष्य के रिश्ते को जीवंत बनाकर शांति और खुशी लाने में सहायक है। इसका पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है। भारत में ही इस संस्था से सीधे तौर पर करीब 8 लाख लोग जुड़े है जबकि विदेशो में यह संख्या कई गुना अधिक है।
वर्ष 1965 में, भारत में आध्यात्मिक शिक्षाओं के प्रसिद्ध दूत, उनके दिव्य अनुग्रह ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद (1896-1977) ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और न्यूयॉर्क में इस्कॉन की स्थापना की। बता दे कि भारत में इस्कॉन को लेकर हमेशा से ही मतभेद रहे है। इस्कॉन पर पहले भी कई तरह के आरोप लगते रहे है। देश के भीतर हिन्दुओ में इस्कॉन को लेकर पूरी तरह एकराय नहीं है।