Menka Gandhi On ISKCON: इस्कॉन पर BJP सांसद मेनका गांधी के सनसनीखेज आरोप.. कहा गायों के साथ किया जा रहा ये बर्ताव..

Menka Gandhi On ISKCON: इस्कॉन पर BJP सांसद मेनका गांधी ने सनसनीखेज आरोप, कहा गायों के साथ किया जा रहा ये सलूक

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  • Publish Date - September 27, 2023 / 10:26 AM IST,
    Updated On - September 27, 2023 / 10:26 AM IST

Menka Gandhi On ISKCON

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की सांसद और एनीमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने इस्कॉन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। सांसद मेनका ने दावा किया है कि इस्कॉन अपनी गौशाला की गायों को कसाइयों को बेचता है. उनके साथ बुरा सलूक किया जाता है। वही सांसद के इन आरोपों को इस्कॉन ने सिरे से खारिज कर दिया है। इस्कॉन ने मेनका के आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए कहा है कि बीजेपी सांसद के आरोपों से संस्था आश्चर्यचकित है।

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दरअसल मेनका गांधी का एक वीडियों सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे वह इस्कॉन पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुनी जा सकती है। मेनका इस वीडियों में कह रही है इस्कॉन सबसे बड़ा धोखा है। ये लोग गौशाला की देखरेख करते हैं और सरकार इन्हें हर तरीके से मदद देती है, जिसमें जमीन भी शामिल है। इसके बावजूद जो गाय दूध नहीं देतीं, उन्हें कसाइयों के हवाले कर देते हैं।

मेनका आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्थित इस्कॉन की एक गौशाला का जिक्र करते हुए कहती हैं, ‘एक बार मैं वहां गई थी। पूरी गौशाला में एक भी गाय ऐसी नहीं मिली जो दूध न देती हो। न ही कोई बछड़ा मिला। इसका मतलब साफ है कि वो लोग (इस्कॉन) दूध न देने वाली गायों और बछड़ों को बेच देते हैं’

इस्कॉन ने किया खण्डन

वही इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए इसे तथ्यहीन करार दिया है। इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा कि उनकी संस्था गाय और बैल के संरक्षण के लिए न सिर्फ भारत में काम कर रही है, बल्कि दुनिया भर में लगी है। इस्कॉन की गौशाला में गाय और बैल तब तक रहते हैं जब तक वे जिंदा हैं। एक भी गाय, बैल या बछड़ों को कसाइयों को नहीं बेचा जाता है।

क्या है इस्कॉन

पश्चिमी तरफ हरे कृष्ण आंदोलन के रूप में जाना जाने वाला, इस्कॉन को प्रसिद्ध गौड़ीय वैष्णव धार्मिक परंपरा के एकेश्वरवादी उपखंड के रूप में बेहतर पहचाना जाता है। मुख्य रूप से इस्कॉन भगवान कृष्ण की शिक्षाओं में विश्वास करता है। भगवान के पवित्र नामों का जाप कृष्ण चेतना में एक आवश्यक अभ्यास है। यह आध्यात्मिक सेवा की प्रमुख प्रक्रियाओं में से एक है। यह ईश्वर के साथ मनुष्य के रिश्ते को जीवंत बनाकर शांति और खुशी लाने में सहायक है। इसका पूरा नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है। भारत में ही इस संस्था से सीधे तौर पर करीब 8 लाख लोग जुड़े है जबकि विदेशो में यह संख्या कई गुना अधिक है।

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वर्ष 1965 में, भारत में आध्यात्मिक शिक्षाओं के प्रसिद्ध दूत, उनके दिव्य अनुग्रह ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद (1896-1977) ने इस आंदोलन को आगे बढ़ाया और न्यूयॉर्क में इस्कॉन की स्थापना की। बता दे कि भारत में इस्कॉन को लेकर हमेशा से ही मतभेद रहे है। इस्कॉन पर पहले भी कई तरह के आरोप लगते रहे है। देश के भीतर हिन्दुओ में इस्कॉन को लेकर पूरी तरह एकराय नहीं है।

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