Moahan Charan Majhi Biography: कभी स्पीकर पर फेंक दी थी दाल.. 24 साल पहले थे सरपंच आज बने प्रदेश के मुखिया, जानें कौन हैं ओड़िशा के पहले आदिवासी CM मोहन चरण माझी

दरअसल माझी और महालिंग मध्याह्न भोजन योजना के लिए दालों की खरीद में कथित 700 करोड़ रुपये के घोटाले का विरोध कर रहे थे।

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  • Publish Date - June 12, 2024 / 02:22 PM IST,
    Updated On - June 12, 2024 / 02:25 PM IST

Moahan Charan Majhi Biography in Hindi कौन हैं मोहन चरण माझी

भुवनेश्वर: इस साल हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की हैं। भाजपा ने 24 सालों से सत्ता में बने रहने वाले वयोवृद्ध नेता नवीन पटनायक को सत्ता से बेदखल कर दिया हैं। हालाँकि यह ओडिसा के लिए पहली बड़ी घटना नहीं हैं। इससे भी बड़ी बात यह हैं कि ओड़िशा को उनका नया मुख्यमंत्री भी मिल गया है। भाजपा ने राज्य के कद्दावर आदिवासी नेता मोहन चरण माझी को राज्य का नया सीएम नियुक्त किया हैं। इनके अलावा पार्टी ने केवी सिंह देव और प्रवती परिदा का चयन राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर किया हैं। आज 12 जून 2024 को मोहन चरण माझी शपथ लेने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके इस शपथ ग्रहण में शामिल होंगे। आइयें जानते हैं मोहन चरण माझी के बारें में

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Moahan Charan Majhi Biography in Hindi

Who is Mohan Charan Majhi?

कौन हैं मोहन चरण माझी

माझी क्योंझर से चार बार विधायक रहे हैं। इस बार भी वे क्योंझर सीट से विधायक चुने गए हैं। उन्होनें इस सीट पर बीजू जनता दल की मीना माझी को हराया। मोहन चरण माझी को 87,815 वोट मिले जबकि मीना माझी को 76,238 वोट हासिल हुए और मोहन माझी ने 11,577 वोटों से जीत दर्ज की।

मोहन चरण माझी अपनी सार्वजनिक सेवा और संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं। बता दें की माझी का जन्म क्योंझर के रायकला गांव में हुआ था। उनके पिता एक सुरक्षा गार्ड थे। माझी 2019 में क्योंझर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए भी चुने गए। 2014 में माझी बीजद के अभिराम नाइक से हार गये थे। इससे पहले उन्होंने 2000 से 2009 के बीच दो बार क्योंझर का प्रतिनिधित्व किया था। मोहन चरण मांझी ने 2005 से 2009 तक सरकार के उप मुख्य सचेतक के रूप में कार्य किया, जब बीजू जनता दल (बीजेडी) ने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था। विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले माझी 1997 से 2000 तक सरपंच रहे। वह ओआरवी अधिनियम के तहत एससी और एसटी की स्थायी समिति के सदस्य भी थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ मोहन चरण माझी खनिज संपन्न केंदुझार जिले के एक मजबूत और तेजतर्रार आदिवासी नेता हैं। माझी एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। भाजपा के वफादार सदस्य माझी के आरएसएस से मजबूत संबंध माने जाते हैं। इंडिया टुडे के लेख में कहा गया है कि माझी जनता को आकर्षित करने के कारण लोकप्रिय हो गए हैं। “चार बार के विधायक के रूप में उन्हें राज्य की शासन प्रणाली की गहरी समझ है और क्षेत्र के लिए भाजपा की नीतियों को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।”

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जब फेंक दी थी स्पीकर पर दाल

सितंबर 2023 में, तत्कालीन विपक्षी सचेतक माझी और भाजपा विधायक मुकेश महालिंग को स्पीकर प्रमिला मलिक के आसन पर ‘दाल’ फेंकने के कारण सत्र के अंत तक ओडिशा विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था। भाजपा सदस्य तत्कालीन बीजद विधायक की टिप्पणी का विरोध कर रहे थे, जिन्होंने विपक्षी सदस्यों से अच्छे “मानसिक स्वास्थ्य” के साथ सदन में आने का आग्रह किया था।

दरअसल माझी और महालिंग मध्याह्न भोजन योजना के लिए दालों की खरीद में कथित 700 करोड़ रुपये के घोटाले का विरोध कर रहे थे।

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