Caste Census in India: जाति जनगणना कराएगी मोदी सरकार.. कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार का बोल्ड फैसला, इसने दी जानकारी

इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने मीडिया में दी है। उन्होंने बताया कि आने वाली जनगणना में जाति का भी जिक्र होगा। सीसीपीए ने जातिगत जनगणना को मंजूरी दे दी है।

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  • Publish Date - April 30, 2025 / 04:22 PM IST,
    Updated On - April 30, 2025 / 05:19 PM IST

Modi government will conduct caste census | Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • केंद्र सरकार ने पहली बार जनगणना में जातीय सर्वेक्षण शामिल करने का निर्णय लिया।
  • कैबिनेट ने मेघालय-असम हाईवे कॉरिडोर के लिए 22,000 करोड़ का बजट मंजूर किया।
  • भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक संबंध घटाकर आतंकी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई शुरू की।

Modi government will conduct caste census: नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में आगामी जनगणना के साथ जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया।

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वैष्णव ने कहा कि देश में 1947 के बाद से जातीय जनगणना नहीं हुई, जबकि कांग्रेस सरकारों ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से जाति सर्वेक्षण कराए। उन्होंने कहा, “जातीय जनगणना को मूल जनगणना में सम्मिलित किया जाना चाहिए। यह समाज की संरचना को समझने और नीतियों के निर्माण में सहायक होगा।”

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें तीन बड़े फैसले लिए गए जिनमें जाति जनगणना कराने का ऐलान शामिल है। इसके अलावा मेघालय से असम के लिए नए कॉरिडोर को मंजूरी दी गई। 166 किमी. के इस हाइवे के लिए 22 हजार करोड़ से ज्यादा के बजट को मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी। सरकार ने गन्ने का एफआरपी बढ़ाने का फैसला लिया है। पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई थी और केवल सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की 23 अप्रैल को बैठक हुई थी और उसने आतंकी हमले की निंदा की थी।

इससे पहले पिछली सीसीएस की बैठक के बाद भारत ने पिछले बुधवार को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करने सहित कई उपायों की घोषणा की थी। भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के सीमापार संबंधों के मद्देनजर पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने, छह दशक से अधिक पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी भूमि-पारगमन चौकी को तत्काल बंद करने की घोषणा की।

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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई है। भारत ने कुल चार आतंकियों में से दो के पाकिस्तानी होने का खुलासा किया है। भारत ने इस घटना के मद्देनजर पाकिस्तान पर एक के बाद एक कार्रवाई जारी रखी है और सिंधु जल समझौता तोड़ने के बाद सोमवार को पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स से जुड़ी सामग्री को भी बैन करने का फैसला किया है।

1. जातीय जनगणना क्या है और यह क्यों कराई जा रही है?

जातीय जनगणना का मतलब है जनसंख्या के विभिन्न जातियों में वर्गीकरण के साथ आंकड़े इकट्ठा करना। इससे समाज की संरचना को बेहतर समझा जा सकेगा और इससे जुड़ी नीतियों का निर्माण अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा।

2. पिछली बार जातीय जनगणना कब हुई थी?

भारत में स्वतंत्रता के बाद 1947 से अब तक जातीय जनगणना नहीं हुई है। इससे पहले की जातीय जानकारी 1931 की जनगणना में एकत्र की गई थी।

3. क्या यह जातीय जनगणना सामान्य जनगणना के साथ कराई जाएगी?

हाँ, केंद्र सरकार ने इसे आगामी मूल जनगणना के साथ सम्मिलित करने का निर्णय लिया है, जिससे इसे एक व्यापक सामाजिक डेटा संग्रह का हिस्सा बनाया जाएगा।