टीकों की समतापूर्ण उपलब्धता होने पर विश्व में आधे से अधिक संक्रमितों की मौतें टल जाती:अध्ययन

टीकों की समतापूर्ण उपलब्धता होने पर विश्व में आधे से अधिक संक्रमितों की मौतें टल जाती:अध्ययन

  •  
  • Publish Date - June 14, 2023 / 05:30 PM IST,
    Updated On - June 14, 2023 / 05:30 PM IST

नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) कोविड-19 के टीके की कहीं अधिक समतापूर्ण पहुंच 20 कम आय वाले देशों में कोरोना वायरस महामारी से होने वाली 50 फीसदी से अधिक मौतें टाल सकती थी। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।

नॉर्थइस्टर्न यूनिवर्सिटी, अमेरिका के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 5,18,000 संक्रमितों की मौतें टाली जा सकती थीं, बशर्ते कि अध्ययन में शामिल किये गये 20 देशों को उसी समय टीका उपलब्ध हो गया होता, जब अमेरिका और अन्य उच्च आय वाले देशों को यह मिला था।

अध्ययन में शामिल किये गये देशों में अंगोला, केन्या, घाना, कोटे द आइवरी,मोजम्बिक, यूगांडा, रवांडा, जाम्बिया, मिस्र,मोरक्को, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, बोलीविया, अल सल्वाडोर, होंडुरास, फिलीपीन और किर्गिजिस्तान शामिल हैं।

अध्ययन नेचर कम्यूनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

नॉर्थईस्टर्न नेटवर्क साइंस इंस्टीट्यूट के निदेशक एवं अध्ययन के सह-लेखक अलसांद्रो वेस्पीगननी ने कहा, ‘‘एक अलग प्रणाली होनी चाहिए थी ताकि हमारे पास अधिक टीके होते और पूरे विश्व में उनका समतापूर्ण वितरण होता।’’

शोधार्थियों के अनुसार, महामारी से हुई मौतों के संदर्भ में, इसका यह मतलब है कि शुरूआत में एवं अधिक टीके की उपलब्धता से इंडोनेशिया में करीब 1,49,000, और रवांडा में 1,700 मौतें रोकी जा सकती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में, ‘‘हमारा अनुमान है कि खुराकों की संख्या बढ़ाये बगैर (छह से 50 प्रतिशत तक) मौतें टाली जा सकती थी।’’

भाषा सुभाष नरेश

नरेश