नई दिल्ली। Mulayam Singh Yadav passes away : आज उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। इस खबर से हर जगह सन्नाटा पसर गया है। आज उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में मानों अंधेरा छा गया हो। हर किसी की आंखे नम हो गई हैं। मुलायम सिंह यादव 60 के दशक के सबसे बड़े नेता रह चुके हैं। आज हम आपको पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की उस जमाने की एक बड़ा बेमिसाल किस्सा बताने जा रहे हैं।
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दरअसल, ये किस्सा 60 के दशक का है, जब पूरे देश में समाजवाद की लहर दौड़ रही थी। जब देश में राम मनोहर लोहिया समाजवादी आंदोलन के सबसे बड़े नेता थे। देश के कई हिस्सों में खास तौर पर दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने वाले राज्य उत्तर प्रदेश के कई शहरों में लोग समाजवादी बनकर कई रैलियां निकाल रहे थे। इन रैलियों में ‘नेताजी’ मुलायम सिंह यादब जरूर शामिल होते थे। उस जमाने में मुलायम सिंह का काफी रुतबा था। धीरे-धीरे मुलायम सिंह आखाड़े से राजनीति में आ गए। उस दौर में ‘नेताजी’ के पास एक साइकिल के अलावा कुछ भी नहीं था। इस दौरान उन्हें जिताने के लिए पूरे गांव ने उपवास रखा था। इसके बाद उनका ये दौर उन्हीं चलता रहा और देखते ही देखते मुलायम विधायक ही नहीं तीन बार सूबे के सीएम बने और केंद्र में रक्षा मंत्री तक का सफर तय किया।
एक दौर था जब ‘नेताजी’ राजनीति के शुरुआती चरण में थे। उन्हें विधायक बनाने के लिए पूरे गांव ने उपवास रखा। इतना ही नहीं पूरे गाँव वालों ने चंदा इकट्ठा करके गाड़ी और ईंधन की व्यवस्था की ताकि मुलायम प्रचार के लिए जा सकें।