नई दिल्ली। Political News: सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। भाजपा ने दावा किया है कि 1939 में मुस्लिम लीग के इशारे पर सरदार पटेल पर दो घातक हमले कराए गए थे, लेकिन कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण को 86 वर्षों तक दबाकर रखा। भाजपा ने कहा कि यह सच्चाई कांग्रेस के लिए “असहज करने वाली” थी, इसलिए इसे इतिहास और पाठ्यपुस्तकों से मिटा दिया गया।
Political News: भाजपा ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) हैंडल से कई ऐतिहासिक दस्तावेजों और समाचार कटिंग्स को साझा करते हुए लिखा कि सरदार पटेल पर हुए दो हमलों में से एक में 57 आरोपियों में से 34 को दोषी ठहराया गया और दो को मौत की सजा सुनाई गई। सरदार पटेल की रक्षा करते हुए दो देशभक्त शहीद हो गए, कई घायल हुए। लेकिन ‘कांग्रेसी इतिहासकारों’ ने इस पूरे प्रकरण को छिपा दिया। भाजपा ने सवाल उठाया कि “कांग्रेस ने इसे 86 वर्षों तक क्यों दबाया, जब तक कि इतिहासकार रिजवान कादरी ने इसे उजागर नहीं किया?” पार्टी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने मुस्लिम लीग की भूमिका और अपनी “कायरतापूर्ण चुप्पी” दोनों को छिपाने की कोशिश की।
भाजपा के अनुसार, 20 जनवरी 1939 को वडोदरा में सरदार पटेल के जुलूस पर हमला किया गया था। जैसे ही उनका काफिला मांडवी से गुजरा, मुस्लिम लीग समर्थक समूहों ने ‘सरदार वापस जाओ’ के नारे लगाए और उनकी कार पर पथराव किया। इसके बाद प्रजामंडल कार्यालय में आग लगा दी गई। भाजपा ने इसे उस समय की सत्ता की “प्रायोजित हिंसा” बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस इस हमले पर मौन रही। हमले के अगले दिन सरदार पटेल ने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की थी।
Political News: भाजपा ने कहा कि दूसरी घटना 14 मई 1939 को भावनगर में हुई, जब सरदार पटेल पांचवीं प्रजा परिषद में शामिल होने पहुंचे थे। उस दौरान मुस्लिम लीग समर्थित भीड़ ने नगीना मस्जिद से पटेल के जुलूस पर हमला कर दिया। भाजपा का कहना है कि यह पूर्वनियोजित षड्यंत्र था, जिसमें दो देशभक्त बच्चू वीरजी और जाधवजी मोदी पटेल की रक्षा करते हुए शहीद हो गए, जबकि कई लोग घायल हुए। फिर भी सरदार पटेल ने उसी शाम सभा को शांतिपूर्ण संकल्प के साथ संबोधित किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।