विभिन्न यूएवी रोधी प्रणालियों को शामिल करने पर विचार कर रही है नौसेना

विभिन्न यूएवी रोधी प्रणालियों को शामिल करने पर विचार कर रही है नौसेना

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  • Publish Date - August 26, 2025 / 08:19 PM IST,
    Updated On - August 26, 2025 / 08:19 PM IST

महू (मध्य प्रदेश), 26 अगस्त (भाषा) भारतीय नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के बाद ड्रोन रोधी प्रणालियों और लंबी दूरी के ड्रोन की एक श्रृंखला खरीदने पर विचार कर रही है। नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

वाइस एडमिरल ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सात से 10 मई के सैन्य संघर्ष के विश्लेषण के बाद नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए बदलाव किए जा रहे हैं।

उन्होंने तीनों सेनाओं के सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा कि लाखों डॉलर की महंगी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस युद्धपोत वास्तव में कम लागत वाले मानव रहित विमानों (यूएवी) से निपटने के लिए अपने सीमित शस्त्रागार का विस्तार नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, “हमें प्रणालियां विकसित करनी होंगी, विशेष रूप से यूएवी का मुकाबला करने वाली प्रणालियां, जो कम लागत वाले ड्रोनों को मार गिराने में हमारी मदद करेंगी।”

वाइस एडमिरल सोबती ने सुझाव दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीखे गए अधिकांश सबक और ऑपरेशन के बाद नौसेना में शामिल किए गए बदलावों का विश्लेषण किया जा रहा है।

नौसेना जमीन और समुद्र में लक्ष्यों को प्रभावित करने के लिए लंबी दूरी के ड्रोन पर विचार कर रही है।

ऑपरेशन सिंदूर के बारे में वाइस एडमिरल सोबती ने कहा कि नौसेना कर्मी “उड़ान भरने के लिए उत्सुक थे”।

उन्होंने कहा, “हम तैयार थे। इसलिए हमारे सैनिक पूरी तरह से उत्सुक थे।”

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने सात मई को पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इस हमले के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं। 10 मई को दोनों पक्षों में सैन्य संघर्ष रोकने पर सहमति बनी।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश