NDA के सहयोगी दलों में CAA पर नहीं एक राय, शिरोमणि अकाली दल ने उठाए सवाल

NDA के सहयोगी दलों में CAA पर नहीं एक राय, शिरोमणि अकाली दल ने उठाए सवाल

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  • Publish Date - December 22, 2019 / 10:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नई दिल्ली। CAA को लेकर एनडीए में भी एक राय नहीं है। बीजेपी सबसे पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी अप्रत्याशित रुप से इस कानून को लेकर सवाल खड़े किए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने इसमें मुसलमानों को शामिल किए जाने की मांग भी की है। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए मुसलमानों को इस कानून अलग नहीं किए जाने पर पुनर्विचार की जरुरत है। बिहार में आरजेडी की चुनौतियों से सामना कर रही जनता दल यूनाइटेड के अलावा रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने भी कानून को लेकर अपनी आपत्तियां जताई हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। वहीं लोजपा ने कहा कि केंद्र सरकार कानून को लेकर फैले भ्रम को दूर करने में विफल रही है।

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जेडीयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि एनआरसी के खिलाफ एनडीए सहयोगी दलों ने अपना मत प्रकट किया है। अगर इस मुद्दे पर एनडीए की बैठक बुलाई जाती है, तो जेडीयू इसका स्वागत करेगी। इस पर बैठक बहुत जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि इसे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। हम एनआरसी के खिलाफ हैं।

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रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने शुक्रवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित एनआरसी को जोड़कर हो रहे प्रदर्शनों से साफ है कि सरकार देश के अहम वर्ग में फैले संशय की स्थिति को दूर करने में विफल रही है। संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाली लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीट किया कि लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास हो जाने के बाद भी सीएए को लेकर असंतोष बरकरार है। चिराग पासवान ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी ये विश्वास दिलाती है कि एनआरसी को लेकर मुसलमान, दलित और वंचित वर्ग के लोगों की जो चिंताए हैं, उसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। लोक जनशक्ति पार्टी किसी ऐसे विधेयक का समर्थन नहीं करेगी जो आम लोगों के हित में न हो।संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। लोक जनशक्ति पार्टी आग्रह करती है कि प्रदर्शनकारियों से संवाद कर उनकी चिंताओ को दूर करें।