कर्नाटक ने भी पिछले पांच साल तक नफरत और सांप्रदायिक राजनीति को झेला, लेकिन राज्य ने लोकतंत्र को फिर से मौका दिया है : महबूबा मुफ्ती। भाषा निहारिका पारुलपारुल