Nimisha Priya will be hanged: इस मुस्लिम देश ने 17 भारतीय लोगों को सुनाई थी मौत की सजा, भारत ने सबको बचाया, क्या फांसी से बच पाएगी निमिषा प्रिया?

Nimisha Priya will be hanged: 2009 में यूएई के शारजाह में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के आरोप में 17 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा दी गई थी। इन पर आरोप यह था कि शराब की तस्करी को लेकर हुए झगड़े में उन्होंने मिसरी खान नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी।

Nimisha Priya will be hanged: इस मुस्लिम देश ने 17 भारतीय लोगों को सुनाई थी मौत की सजा, भारत ने सबको बचाया, क्या फांसी से बच पाएगी निमिषा प्रिया?

Indian sentenced to death in UAE, image soure: livehindustan

Modified Date: July 10, 2025 / 01:51 pm IST
Published Date: July 10, 2025 1:48 pm IST
HIGHLIGHTS
  • यमन में 16 जुलाई को एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी
  • भारत ने शुरू किया कूटनीतिक प्रयास
  • UAE में 17 भारतीयों को बचाया गया

नई दिल्ली: Indian were sentenced to death: यमन में 16 जुलाई को एक भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी दी जाएगी। निमिषा को एक यमनी नागरिक की हत्या के मामले में दोषी साबित किया गया है। 37 वर्षीय निमिषा केरल के पलक्कड़ की निवासी है । वह 2017 से सना की जेल में बंद हैं। भारत सरकार इस फांसी को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यह मामला अतीत के एक अन्य चर्चित मामले की याद ताजा करता है, जब भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 17 भारतीयों की मौत की सजा रुकवाने में सफलता हासिल की थी।

जब UAE में 17 भारतीयों को बचाया गया

2009 में यूएई के शारजाह में एक पाकिस्तानी नागरिक की हत्या के आरोप में 17 भारतीय नागरिकों को मौत की सजा दी गई थी। इन पर आरोप यह था कि शराब की तस्करी को लेकर हुए झगड़े में उन्होंने मिसरी खान नामक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। इस झगड़े में दो अन्य पाकिस्तानी नागरिक घायल भी हुए थे। इन भारतीयों की पहचान पंजाब और हरियाणा के निवासियों के रूप में हुई थी। इनमें 16 पंजाब और एक हरियाणा के निवासी थी। जैसे सुखजिंदर सिंह, बलजीत सिंह, अमरीक सिंह, और तरनजीत सिंह (हरियाणा)। ये सभी मजदूरी करने के लिए यूएई गए थे।

भारत ने शुरू किया कूटनीतिक प्रयास

Indian sentenced to death : इस घटना के बाद भारत सरकार ने इस मामले को प्राथमिकता से लिया और भारतीय दूतावास ने एक कानूनी टीम नियुक्त की और UAE सरकार से उच्च-स्तरीय बातचीत शुरू की गई। यूएई में ‘ब्लड मनी’ यानी ‘दियात’ के तहत मृतक के परिवार को मुआवजा देकर सजा माफ करवाई जा सकती थी। बस इसी बात को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू हुई। मृतक के परिवार को ‘दियात’ के तौर पर 4 करोड़ रुपए देने थे। जिसके बाद भारत और प्रवासी समुदाय के प्रयासों से मृतक के परिवार को 4 करोड़ रुपये (लगभग 20 लाख दिरहम) की राशि एकत्रित करके दी गई।

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भारतीय कारोबारी एसपी सिंह ओबेरॉय और सामाजिक व राजनीतिक नेताओं की मदद से राशि इकट्ठा की गई।
मुआवजे के बाद पीड़ित परिवार ने उन्हे माफ कर दिया और सभी 17 भारतीयों की मौत की सजा रद्द हो गई। जिसके बाद फरवरी 2013 में सभी को रिहा कर भारत वापस लाया गया।

यमन में फंसी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया

इधर निमिषा प्रिया पर आरोप है कि उन्होंने यमनी नागरिक और अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी को बेहोश करने की कोशिश की ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस ले सकें। लेकिन अत्यधिक सेडेटिव देने से तलाल की मौत हो गई। इसके बाद, निमिषा और एक यमनी सहयोगी ने शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया। 2018 में निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई गई। यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने 2023 में उनकी अपील खारिज कर दी और 2024 में राष्ट्रपति ने सजा को मंजूरी दे दी। अब 16 जुलाई 2025 को फांसी की तारीख तय की गई है।

भारत सरकार कर रही बचाने के प्रयास

इस खबर के बार भारत सरकार इस मामले में लगातार सक्रिय हो गई है, लेकिन यमन में गृहयुद्ध और हूती विद्रोहियों का सना पर नियंत्रण होने से कूटनीतिक हस्तक्षेप मुश्किल हो रहा है। भारत का हूती विद्रोहियों से कोई औपचारिक संबंध नहीं है। हालाकि शरिया कानून के तहत यहां भी ‘ब्लड मनी’ का विकल्प है। निमिषा के परिवार और ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने 1 मिलियन डॉलर की पेशकश की है, जिसमें मुफ्त चिकित्सा और अन्य मदद भी शामिल है। सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम बास्करन इस मामले में मध्यस्थता कर रहे हैं, लेकिन अब तक पीड़ित परिवार ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है। अब देखना हो कि क्या निमिषा प्रिया को फांसी के फंदे से बचाया जा सकेगा।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com