कोच्चि (केरल), 14 अगस्त (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘नालंबाला दर्शनम’ के लिए केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के तीर्थ पर्यटन पैकेज लेने वाले श्रद्धालुओं के वास्ते अलग से कतार ‘मनमाना और अवैध’ है और इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
न्यायमूर्ति अनिल के. नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पी. जी. अजितकुमार की पीठ ने कहा कि इसके बजाय, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग, मानसिक रूप से अस्वस्थ और अन्य श्रेणियों के व्यक्तियों के लिए अलग कतार की व्यवस्था होनी चाहिए, जिन्हें विशेष ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है।
पीठ ने यह निर्देश उस याचिका पर दिया जिसमें दावा किया गया था कि केएसआरटीसी द्वारा पेश किए गए टूर पैकेज में त्रिप्रयार श्री रामास्वामी, श्री कुडलमणिक्यम, थिरुमुझिकुलम श्री लक्ष्मण और पयम्मल श्री शत्रुघ्न के मंदिरों में ‘नालंबाला दर्शनम’ के लिए जाने वाले भक्तों को कतार में लगने से छूट की अनुमति देना मनमाना और भेदभावपूर्ण है।
‘दर्शनम’ 17 जुलाई को शुरू हुआ और 16 अगस्त को समाप्त होगा।
याचिकाकर्ता ने टूर पैकेज लेने वाले लोगों को मिले विशेषाधिकारों को देखा, जब वह और उनका परिवार 31 जुलाई को दर्शनम के लिए गए थे और दर्शनों के लिए उन्हें सुबह छह बजे से दोपहर तक कतार में खडे रहना पड़ा था।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना