Delhi School Fees: अब नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी! ज्यादा फीस लेने वालों पर सरकार ने चलाया चाबुक, की गई ये बड़ी कार्रवाई 

अब नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी! ज्यादा फीस लेने वालों पर सरकार ने चलाया चाबुक, Now the arbitrariness of private schools will not work!

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  • Publish Date - April 6, 2025 / 09:06 AM IST,
    Updated On - April 6, 2025 / 02:50 PM IST

नई दिल्ली : Delhi School Fees दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों द्वारा शुल्क में अनियमित और अधिक वृद्धि पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ाने के साथ ही कार्रवाई शुरू की है। यह कदम माता-पिता या अभिभावकों की लंबे समय से चली आ रही शिकायतों के जवाब में उठाया गया है।

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Delhi School Fees शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने शनिवार को एक बयान जारी करके इस मुद्दे को ‘परिवारों के लिए पुराना और बेहद परेशान करने वाला’ मामला बताया खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए। शिक्षा निदेशालय ने कहा कि यह मामला कई वर्षों से जांच के दायरे में था। कोविड-19 के बाद की अवधि में यह समस्या काफी बढ़ गई जब वार्षिक शुल्क में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की रिपोर्ट सामने आई।

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शिक्षा निदेशालय ने कहा, ‘‘कई अभिभावकों ने स्कूलों द्वारा जबरदस्ती करने का भी आरोप लगाया है, जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रवेशपत्र देने से इनकार करना और अनधिकृत शुल्क का भुगतान न करने पर छात्रों के नाम काटने की धमकी देना शामिल है।’’ इन लगातार शिकायतों पर ध्यान देते हुए शिक्षा निदेशालय ने कहा कि उसने निजी स्कूलों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही व्यापक कार्रवाई शुरू की है।

दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों के शुल्क में वृद्धि पर क्यों रोक लगाई है?

दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों द्वारा शुल्क में अनियमित और अत्यधिक वृद्धि पर रोक लगाने के लिए निगरानी बढ़ाई है, ताकि माता-पिता और अभिभावकों की शिकायतों का समाधान किया जा सके, खासकर मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए।

शुल्क वृद्धि के बारे में किस प्रकार की शिकायतें आई हैं?

कई अभिभावकों ने आरोप लगाया है कि स्कूलों ने जबरदस्ती बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रवेशपत्र देने से इनकार किया और अनधिकृत शुल्क के भुगतान पर छात्रों के नाम काटने की धमकी दी।

दिल्ली सरकार ने इस समस्या पर क्या कदम उठाए हैं?

शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों की निगरानी बढ़ाई है और कार्रवाई शुरू की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शुल्क वृद्धि अनियमित न हो और परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

क्या कोविड-19 के बाद शुल्क वृद्धि में बढ़ोतरी हुई है?

हां, शिक्षा निदेशालय ने बताया कि कोविड-19 के बाद कई स्कूलों ने वार्षिक शुल्क में 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि की है, जिससे यह समस्या और गंभीर हो गई है।

इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे?

शिक्षा निदेशालय द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जाएगी, ताकि निजी स्कूलों द्वारा शुल्क में अनियमित वृद्धि को रोका जा सके और अभिभावकों को राहत मिल सके।

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