नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) लोकसभा चुनाव लड़ने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या में 15 वर्ष में लगातार वृद्धि देखी गई है और यह संख्या 2009 में सात प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 9.6 प्रतिशत हो गई है। चुनाव अधिकारों से संबंधित संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) के विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई है।
एडीआर के विश्लेषण के अनुसार, इस वर्ष 797 महिलाएं मैदान में हैं, जो कुल 8,337 उम्मीदवारों का 9.6 प्रतिशत है। यह पिछले आम विधानसभा चुनावों की तुलना में वृद्धि को दर्शाता है।
इसके अनुसार, वर्ष 2019 में नौ प्रतिशत, 2014 में आठ प्रतिशत और 2009 में सात प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व दर्ज किया गया था।
एडीआर के अनुसार, 2009 के लोकसभा चुनाव में 556 महिला उम्मीदवार थीं, जो कुल 7,810 उम्मीदवारों का करीब सात प्रतिशत थीं। वर्ष 2014 में यह संख्या बढ़कर 640 (8,205 का आठ प्रतिशत) हो गई और 2019 में 716 (7,928 का नौ प्रतिशत) हो गई।
इस वर्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख दलों में सबसे आगे है, जिसके 440 लोकसभा उम्मीदवारों में से 69 महिला उम्मीदवार हैं, जो इसके कुल उम्मीदवारों का 16 प्रतिशत है। कांग्रेस के 327 उम्मीदवारों में से 41 महिलाएं हैं, जो 13 प्रतिशत है।
छोटे दलों और क्षेत्रीय उम्मीदवारों में महिला उम्मीदवारों का अनुपात उल्लेखनीय रूप से अधिक है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में 40 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं, जिनमें से पांच में से दो महिलाएं हैं।
एडीआर के अनुसार, प्रमुख दलों में, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सबसे कम यानी तीन-तीन प्रतिशत है।
एडीआर के अनुसार, इस वर्ष के संसदीय चुनावों में उल्लेखनीय महिला प्रतिनिधित्व वाले कुछ दलों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और बीजू जनता दल (बीजद) शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक में 33 प्रतिशत, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में 29 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) में 20 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व है, जबकि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) में 25 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों में से 13 प्रतिशत महिलाएं हैं और बहुजन समाज पार्टी के लिए यह आंकड़ा आठ प्रतिशत है।
एडीआर के अनुसार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) जैसी पार्टियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व क्रमशः 14 प्रतिशत और सात प्रतिशत है। जनता दल (यूनाइटेड) और शिवसेना में 13-13 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा में 33 प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं।
इसके अनुसार, 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के चुनाव में कुल 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 135 महिलाएं थीं।
एडीआर के मुताबकि, 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के मतदान में 1,192 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 100 महिला उम्मीदवार थीं। सात मई को हुए तीसरे चरण के मतदान में 1,352 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 123 महिला उम्मीदवार थीं।
इसके अनुसार, 13 मई को चौथे चरण में 1,710 उम्मीदवारों में से 170 महिला उम्मीदवार थीं, जबकि 20 मई को पांचवें चरण में सबसे कम 695 उम्मीदवार थे, जिनमें 82 महिला उम्मीदवार शामिल थीं। छठे चरण में 866 उम्मीदवारों में से 92 महिला उम्मीदवार थीं।
एक जून को होने वाले अंतिम चरण के मतदान में 904 उम्मीदवार होंगे, जिनमें 95 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।
भाषा
देवेंद्र सुरेश
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