Open Book Assessment: किताब खोलकर परीक्षा दे सकेंगे 9वीं कक्षा के छात्र, CBSE बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला / Image Source: File
नई दिल्ली: Open Book Assessment Kya Hai सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानि CBSE अपने परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि सीबीएसई के छात्र अब किताब खोलकर परीक्षा में प्रश्नों का जवाब लिख सकेंगे। बोर्ड ने ओपन-बुक असेसमेंट प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे शिक्षण सत्र 2026-27 से लागू कर दिया जाएगा। बता दें कि फिलहाल सीबीएसई ने इसे सिर्फ कक्षा 9 के लिए पायलट स्टडी के तौर पर लागू करने का फैसला लिया है।
Open Book Assessment Kya Hai मिली जानकारी के अनुसार सीबीएसई ने पढ़ाई से हटकर कंपिटेंसी-बेस्ड लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए ओपन-बुक असेसमेंट को लागू करने का फैसला लिया है। यह बदलाव नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCFSE) 2023 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नई प्रणाली में भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य विषय शामिल होंगे। परीक्षा के दौरान छात्र अपनी किताबें, क्लास नोट्स और CBSE द्वारा अनुमोदित संसाधनों का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि, इसे अपनाना स्कूलों के लिए वैकल्पिक होगा और यह प्रत्येक टर्म में होने वाली तीन पेन-पेपर परीक्षाओं का हिस्सा होगा।
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में मंजूर हुए पायलट प्रोजेक्ट में कक्षा 9 से 12 तक ओपन-बुक एग्जाम आयोजित हुए थे। इसमें छात्रों का प्रदर्शन 12% से 47% के बीच रहा, जिससे पता चला कि संसाधनों का सही इस्तेमाल और इंटरडिसिप्लिनरी कॉन्सेप्ट को समझना अभी भी चुनौती है। हालांकि, ट्रायल में शामिल शिक्षकों ने OBA को क्रिटिकल थिंकिंग बढ़ाने के लिए उपयोगी बताया। CBSE इससे पहले 2014 में कक्षा 9 और 11 के लिए ओपन टेक्स्ट-बेस्ड असेसमेंट (OTBA) ला चुका है, जिसे 2017-18 में सीमित सफलता के कारण बंद कर दिया गया था।
इस बार CBSE स्कूलों को स्टैंडर्ड सैंपल पेपर और विस्तृत गाइडलाइन देगा, ताकि छात्र किताबों के साथ-साथ असल जीवन के परिदृश्यों में ज्ञान लागू करना सीख सकें। साथ ही, शिक्षकों को ट्रेनिंग और स्ट्रक्चर्ड गाइडेंस देकर इस फॉर्मेट को इंटरनल इवैल्यूएशन में सहजता से शामिल करने की योजना है। अधिकारियों के मुताबिक, इसका लक्ष्य छात्रों में हायर-ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स विकसित करना और आकलन प्रणाली को NEP 2020 की दृष्टि के अनुरूप बनाना है।