इटानगर, 29 अगस्त (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के.टी. परनायक (सेवानिवृत) ने लोगों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ सुरक्षा बलों की नहीं बल्कि हर नागरिक की है।
राज्य के पूर्वी कामेंग जिले के सबसे दूरस्थ गांवों में से एक चायांग्ताजो का दौरा करते हुए राज्यपाल ने लोगों को सतर्क रहने और सीमावर्ती इलाकों में मौजूदगी बनाने की सलाह दी। चायांग्ताजो का चयन जीवंत ग्राम पायलट कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ है।
यहां मंगलवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार एक जनसभा को संबोधित करते हुए परनायक ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को उपेक्षित महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के तहत सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए जाने हैं।
उन्होंने लोगों से विशेषतौर पर युवाओं से कहा कि शहरी इलाकों में प्रवास करने के बजाए उन्हें आत्म निर्भर बनना चाहिए और कार्यक्रमों का फायदा उठाना चाहिए।
राज्यपाल ने युवाओं से ज्ञान प्राप्त करने, अनुशासन अपनाने और ढृढता से आगे बढ़ने का आह्वान किया और उनसे भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार करने व राज्य एवं राष्ट्र को समृद्धि की ओर ले जाने के लिए ‘अमृत काल’ में योगदान देने को कहा।
भाषा जितेंद्र पवनेश
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