प्रोफेसर बनने के लिए नहीं पड़ेगी PhD, NET की जरूरत, UGC ने बनाया नया नियम, अब ऐसे होगी नियुक्ति

Become a Professor in college without NET and Phd: प्रोफेसर बनने के लिए नहीं पड़ेगी PhD, NET की जरूरत, UGC ने बनाया नया नियम, अब ऐसे होगी नियुक्ति

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  • Publish Date - August 23, 2022 / 04:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

Become a Professor in college without NET and Phd: दिल्ली। जो लोग प्रोफेसर बनना चाहते है लेकिन कोई डिग्री नहीं है उनके लिए खुशखबरी है। दरअसल, यूजीसी ने छात्रों के लिए बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद बिना पीएचडी और नेट के भी अब लोग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसर बन सकते हैं। यूजीसी के एक फैसले के बाद अब प्रोफेसर बनना आसान हो गया है। इसके लिए आपके पास एकेडमिक डिग्री का होना आवश्यक नहीं है। 18 अगस्त, 2022 को आयोजित यूजीसी की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट देश के संस्थानों में सेवाएं दे सकेंगे।

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पहले जरूरी थी NET और Phd

Become a Professor in college without NET and Phd: इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से IIT और IIM के बाद यूजीसी ने प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना लागू कर दी है। अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट बिना NET और PhD के बतौर प्रोफेसर दो साल तक यूनिवर्सिटी में क्लास ले सकेंगे। बता दें कि अभी तक UGC मान्यता प्राप्त केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्यों के विश्वविद्यालयों समेत यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के लिए योग्यता में नेट और पीएचडी होना जरूरी होता था। लेकिन अब प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना लागू होने से इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, शिक्षण संस्थानों में प्रोफेसर आन प्रैक्टिस की संख्या कुल स्वीकृत पदों के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।

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इन क्षेत्रों में दे सकेंगे सेवा

Become a Professor in college without NET and Phd: यूजीसी की इस योजना के मुताबिक, इंजीनियरिंग, साइंस, मीडिया, साहित्य, उद्यमिता, समाज विज्ञान, फाइन आर्ट, सिविल सेवा और सशस्त्र बल सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों को उच्च शिक्षण संस्थान प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त कर सकेंगे। किसी भी क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साबित कर चुके या 15 साल का अनुभव रखने वाले व्यक्ति को इसके लिए योग्य माना जाएगा। शीर्ष स्तर पर काम कर चुके लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस की नियुक्ति 3 श्रेणियों में होगी। पहली श्रेणी में ऐसे शिक्षक होंगे, जिनकी फंडिंग उद्योग जगत करेगा। दूसरी श्रेणी के प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए शिक्षण संस्थानों को अपने स्रोत से संसाधन जुटाना होगा। इसके अलावा मानद (Honorary)आधार पर भी प्रोफेसर बनाए जा सकेंगे।

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