प्रधानमंत्री ने वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री ने वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया
नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) परंपरा और प्रौद्योगिकी को ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ अभियान की बहुत बड़ी ताकत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का आह्वान किया।
टॉयकैथॅन-2021 के प्रतिभागियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वर्तमान सामर्थ्य, उसकी कला-संस्कृति और भारतीय समाज को आज दुनिया ज्यादा बेहतर तरीके से समझना चाहती है और इसमें खिलौने और गेमिंग उद्योग बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक खिलौना बाजार करीब 100 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्सेदारी सिर्फ डेढ़ अरब डॉलर के आसपास ही है। आज हम अपनी आवश्यकता के भी लगभग 80 प्रतिशत खिलौने आयात करते हैं। यानि इन पर देश के करोड़ों रुपये बाहर जा रहे हैं। इस स्थिति को बदलना जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि ये सिर्फ आंकड़ों की ही बात नहीं है बल्कि यह क्षेत्र देश के उस वर्ग तक विकास पहुंचाने का सामर्थ्य रखता है, जहां इसकी अभी सबसे ज्यादा ज़रूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘खेल से जुड़ा जो हमारा कुटीर उद्योग है, जो हमारी कला है, जो हमारे कारीगर हैं, वो गांव, गरीब, दलित, आदिवासी समाज में बड़ी संख्या में हैं। हमारे ये साथी बहुत सीमित संसाधनों में हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति को अपनी बेहतरीन कला से निखारकर अपने खिलौनों में ढालते रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि खिलौनों से जुड़े क्षेत्र के विकास से ऐसी महिलाओं के साथ ही देश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले आदिवासी और गरीबों को भी बहुत लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन ये तभी संभव है जब, हम अपने लोकल खिलौनों के लिए वोकल होंगे। लोकल के लिए वोकल होना जरूरी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बाजार में उपलब्ध अधिकतर ऑनलाइन या डिजिटल गेम का विचार भारतीय नहीं है और इनमें से ज्यादातर या तो हिंसा को प्रोत्साहित करते हैं या फिर मानसिक दबाव का कारण बनते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान ऐसे खिलौनों और खेलों का निर्माण करने पर भी हो जो हमारी युवा पीढ़ी को भारतीयता का हर पहलू रोचक तरीके से बताए। हमारे खिलौने और खेल मनोरंजन भी करें, बच्चों को व्यस्त भी रखें और उन्हें शिक्षित भी करें, हमें यह सुनिश्चित करना होगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले टॉयकैथॅन में 1,500 से अधिक दलों का भाग लेना उज्ज्वल भविष्य, ‘आत्मनिर्भर भारत’ कार्यक्रम को मजबूत करने का संकेत है।
उन्होंने कहा, ‘‘खिलौनों से जुड़ा एक और बहुत बड़ा पक्ष है, जिसे हर एक को जानने की जरूरत है। यह है- खिलौने और गेमिंग की दुनिया की अर्थव्यवस्था यानी टॉयकोनॉमी।’’
मोदी ने कहा कि पहली बार ही 1500 से ज्यादा टीमों का टॉयकैथॉन के ‘‘ग्रैंड फिनाले’’ में शामिल होना उज्जवल भविष्य का संकेत देता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह खिलौने और खेलों के मामले में आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देता है।’’
उन्होंने कहा कि पिछले पांच-छह सालों में हैकाथॉन को देश की समस्याओं के समाधान का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाया गया है और इसके पीछे की सोच देश के सामर्थ्य को संगठित करना व उसे एक माध्यम देना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोशिश यह है कि देश की चुनौतियों और समाधान से हमारे नौजवान का सीधा कनेक्ट (संपर्क) हो। जब ये कनेक्ट मजबूत होता है तो हमारी युवा शक्ति की प्रतिभा भी सामने आती है और देश को बेहतर समाधान भी मिलते हैं।’’
इस मौके पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। टॉयकैथॅन का आयोजन शिक्षा मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, डीपीआईआईटी, कपड़ा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा एआईसीटीई संयुक्त रूप से करता है।
टॉयकैथॅन, भारत के घरेलू बाजार के साथ-साथ वैश्विक खिलौना बाजार में विनिर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। टॉयकैथॅन-2021 का उद्देश्य भारत में खिलौना उद्योग को बढ़ावा देना है।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अविनाश
अविनाश

Facebook



