PM Modi Mann ki Baat: पीएम मोदी के मन की बात की 126वीं कड़ी, RSS के 100 वर्ष पूरे होने से लेकर लता मंगेश्कर की जयंती, सबका किया जिक्र….
पीएम मोदी नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 126वें कड़ी को संबोधित किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को याद किया। साथ ही स्वर कोकिला लता मंगेश्कर को उनकी जयंती पर याद करते हुए उनको नमन किया।
pm modi mann ki baat/ IBC24
HIGHLIGHTS
- भगत सिंह को उनकी जयंती पर याद किया और उनके पत्र का उल्लेख किया।
- ‘नाविका सागर परिक्रमा’ में 8 महीने की समुद्री यात्रा करने वाली महिला नेवी अफसरों की सराहना।
- लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि, वीर सावरकर से उनके संबंधों का जिक्र।
PM Modi Mann ki Baat: पीएम मोदी नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 126वें कड़ी को संबोधित किया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह को याद किया। साथ ही स्वर कोकिला लता मंगेश्कर को उनकी जयंती पर याद करते हुए उनको नमन किया। उन्होंने लता मंगेश्कर के वीर सावरकर के साथ प्यारे संबंध के बारे में बात की। पीएम मोदी ने बताया कि लता दीदी जिन महान विभूतियों से प्रेरित थीं उनमें वीर सावरकर भी एक हैं, उन्हें वो तात्या कहती थीं, उन्होंने वीर सावरकर जी के कई गीतों को भी अपने सुरों में पिरोया।
पीएम मोदी ने मन की बात में लता मंगेश्कर से अपने संबंध की भी चर्चा की है। उन्होंने बताया कि मुझे याद है मराठी सुगम संगीत की महान हस्ती सुधीर फड़के जी ने सबसे पहले लता दीदी से मेरा परिचय कराया था। मैंने लता दीदी को कहा कि मुझे आपके द्वारा गाया और सुधीर जी द्वारा संगीतबद्ध गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है।
50 हजार किलोमीटर की यात्रा करने वालों का किया जिक्र
PM Modi Mann ki Baat: उन्होंने ‘नाविका सागर परिक्रमा’ के तहत पतवार के जरिए समंदर में 50,000 किलोमीटर की यात्रा करने वाली लेफ्टिनेंट कमांडर डिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर कमांडर रूपा की चर्चा करते हुए उनसे बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धरती की चक्कर लगाने वाली इंडियन नेवी की दोनों बहादुर बेटियों से बात की। उन्होंने उनकी आठ महीने की कठिन यात्रा के बारे में चर्चा की। उन्होंने दोनों बहादुर बेटियों की आईएनएस तारिणी (INSV Tarini) से समंद्र की यात्रा को पूरे से रूबरू कराया।
भगत सिंह के पत्र का जिक्र
पीएम मोदी ने कहा- अमर शहीद भगत सिंह, हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है। साथियों, अमर शहीद भगत सिंह, हर भारतवासी, विशेषकर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणापुंज है। निर्भीकता उनके स्वभाव में कूट-कूट कर भरी थी। पीएम मोदी ने फांसी के फंदे पर झूलने से पहले भगत सिंह के पत्र का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि मैं चाहता हूँ कि आप मुझे और मेरे साथियों से युद्धबंदी जैसा व्यवहार करें। इसलिए हमारी जान फांसी से नहीं, सीधा गोली मार कर ली जाए।
पीएम मोदी ने अपने संबोधिन में कहा कि अगर मैं आपसे ये सवाल करूं, क्या आप समंदर में लगातार 8 महीने रह सकते हैं! क्या आप समंदर में पतवार वाली नाव यानी हवा के वेग से आगे बढ़ने वाली नाव से 50 हजार किलोमीटर की यात्रा कर सकते हैं। वो भी तब, जब, समंदर में मौसम कभी भी बिगड़ जाता है! ऐसा करने से पहले आप हजार बार सोचेंगे, लेकिन भारतीय नौसेना की दो बहादुर ऑफसर ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान ऐसा कर दिखाया है। उन्होंने दिखाया है कि साहस और दृढ़ संकल्प होता क्या है।
एस. एल. भैरप्पा की चर्चा
PM Modi Mann ki Baat: पीएम मोदी ने एस. एल. भैरप्पा की चर्चा की. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, कुछ दिन पहले हमारे देश ने एक महान विचारक और चिंतक एस. एल. भैरप्पा जी को भी खो दिया है। मेरा भैरप्पा जी से व्यक्तिगत संपर्क भी रहा और हमारे बीच कई मौकों पर अलग-अलग विषयों पर गहन बातचीत भी हुई। उनकी रचनाएं युवा पीढ़ी के विचारों को दिशा देती रहेंगी। कन्नड़ की उनकी बहुत सारी रचनाओं का अनुवाद भी उपलब्ध है। उन्होंने हमें बताया कि अपनी जड़ों और संस्कृति पर गर्व करना कितना मायने रखता है। मैं एस. एल. भैरप्पा जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और युवाओं से उनकी रचनाएं पढ़ने का आग्रह करता हूं।
पीएम ने स्वदेशी पर दिया जोर
ठान लीजिए, हमेशा के लिए, जो देश में तैयार हुआ है, वही खरीदेंगे. जिसे देश के लोगों ने बनाया है, वही घर ले जाएंगे। जिसमें देश के किसी नागरिक की मेहनत है, उसी सामान का उपयोग करेंगे। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम सिर्फ कोई सामान नहीं खरीदते, हम किसी परिवार की उम्मीद घर लाते हैं, किसी कारीगर की मेहनत को सम्मान देते हैं, किसी युवा उद्यमी के सपनों को पंख देते हैं।
RSS के 100 वर्ष पर
PM Modi Mann ki Baat: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज RSS 100 वर्ष से बिना थके, बिना रुके, राष्ट्र सेवा के कार्य में लगा हुआ है। इसीलिए हम देखते हैं, देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा आए, RSS के स्वयंसेवक सबसे पहले वहां पहुंच जाते हैं। लाखों लाख स्वयंसेवकों के जीवन के हर कर्म, हर प्रयास में राष्ट्र प्रथम की यह भावना हमेशा सर्वोपरी रहती है। मैं राष्ट्रसेवा के महायज्ञ में स्वयं को समर्पित कर रहे प्रत्येक स्वयंसेवक को अपनी शुभकामनाएं अर्पित करता हूं।’

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