हेड कॉन्स्टेबल ने क्रेक किया UPSC एग्ज़ाम, आठवीं कोशिश ने मिली कामयाबी, कहा ‘खोने के लिए कुछ नहीं था मेरे पास’

Police Head Constable Cracked UPSC Exam 2023 हेड कॉन्स्टेबल ने क्रेक किया UPSC एग्ज़ाम, 8 वीं कोशिश ने मिली कामयाबी

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  • Publish Date - May 24, 2023 / 11:58 AM IST,
    Updated On - May 24, 2023 / 12:00 PM IST

Police Head Constable Cracked UPSC Exam 2023

नई दिल्ली: ‘कौन कहता हैं आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’ ये लाइन सिर्फ किताबी नहीं हैं। इसे सच कर दिखाया पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल ने (Police Head Constable Cracked UPSC Exam 2023)। जिसने ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया के सबसे कठिन माने जाने वाले इम्तेहान यूपीएएसी को पास कर लिया हैं। कॉन्स्टेबल ने यह कामयाबी अपनी आठवीं कोशिश में हासिल की है। सफलता के बाद जब मीडिया उनसे बात करने पहुंचा तो कॉन्स्टेबल भावुक हो गया। उसके सिर्फ इतना ही कहा की उसके पास खोने के लिए कुछ बाकी नहीं था, इसलिए वह अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते थे। अपनी कामयाबी से वे जितने खुश हैं उतने ही संतुष्ट भी।

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दरअसल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने की ओर से मंगलवार को जारी परीक्षा परिणाम की सूची में दिल्ली पुलिस के 34 वर्षीय हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने अपने आठवें प्रयास में 667वीं रैंक हासिल की। साइबर सेल पुलिस थाने में तैनात कुमार उन 933 उम्मीदवारों में से एक हैं जो इस परीक्षा में सफल हुए।

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UPSC examination result 2023

दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल राम भजन कुमार ने कहा कि मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। यह मेरा आठवां प्रयास था। चूंकि, मैं ओबीसी श्रेणी से हूं, इसलिए मैं नौ प्रयासों के लिए योग्य हूं। मेरे पास एक आखिरी मौका बचा था। (Police Head Constable Cracked UPSC Exam 2023)अगर, मैं इस बार सफल नहीं हुआ होता तो मैं अगले प्रयास की तैयारी में जुट जाता। उन्होंने आगे कहा कि मैं अपनी रैंक में सुधार करने के लिए 28 मई को होने वाली प्रारंभिक परीक्षा में फिर से शामिल हो रहा हूं। राम भजन कुमार ने अपने पिछले प्रयास के बाद फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि मैं सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा की तैयारी कर रहा था कि मैं और बेहतर कर सकूं। उन्होंने आगे कहा कि मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था। मैं, राजस्थान के एक गांव से आता हूं। मेरे पिता एक मजदूर थे। मैंने देखा है कि मेरे परिवार ने हमें शिक्षित करने और हमारी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कितना संघर्ष किया है। हमने तब भी उम्मीद नहीं खोई थी। जब मुझे मौका मिला, तो मैंने सोचा कि मैं इसमें अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा।

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