चंडीगढ़, 13 नवंबर (भाषा) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा द्वारा पंजाब पुलिस के एक एस्कॉर्ट वाहन पर उनकी कार को टक्कर मारने का आरोप लगाने के एक दिन बाद, राज्य के पुलिस महानिदेशक ने बृहस्पतिवार को महत्वपूर्ण (वीआईपी) लोगों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को सड़क पर ‘‘सम्मानजनक और विनम्र आचरण’’ करने के निर्देश जारी किए।
सेना के उत्तरी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हुड्डा ने बुधवार को उनकी सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस के एक वाहन पर मोहाली के जीरकपुर फ्लाईओवर पर उनकी कार को टक्कर मारने के बाद मौके से फरार हो जाने का आरोप लगाया था।
हुड्डा ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए इसे पंजाब पुलिस के वाहन द्वारा ‘‘जानबूझकर किया गया कृत्य’’ बताया और ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को टैग किया।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हुड्डा वही अधिकारी हैं जिनकी देखरेख में उरी आतंकी हमले के बाद 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके)में आतंकी लॉन्च पैड पर हमला किया गया था।
बृहस्पतिवार को, डीजीपी यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एक पेशेवर बल होने के नाते पंजाब पुलिस दुर्व्यवहार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति रखती है, क्योंकि इसका कर्तव्य न केवल खतरे में पड़े लोगों की रक्षा करना है बल्कि सड़कों पर जनता की गरिमा, सुरक्षा और विश्वास को बनाए रखना भी है।
उन्होंने कहा, ‘‘वीआईपी लोगों की सुरक्षा एक बेहद जिम्मेदारी वाला कार्य है जिसके लिए अनुशासन, धैर्य और नागरिकों के प्रति सम्मान की आवश्यकता होती है। मजबूत सुरक्षा तंत्र और सम्मानजनक आचरण का साथ-साथ पालन होना चाहिए।’’
उन्होंने सभी संबंधित पुलिसकर्मियों को तत्काल अनुपालन के निर्देश भी जारी किए।
यादव ने कहा कि सड़क सुरक्षा मानदंडों का अनुपालन भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
भाषा शफीक धीरज
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