मां-बाप को घर से निकाला तो होगी 6 महीने की सजा, कानून में बदलाव की तैयारी

मां-बाप को घर से निकाला तो होगी 6 महीने की सजा, कानून में बदलाव की तैयारी

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  • Publish Date - May 12, 2018 / 03:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नई दिल्ली। अब देश में किसी ने बुजुर्ग मां-बाप की अनदेखी की तो उसे यह महंगा पड़ सकता है। माता-पिता को छोड़ा या उनसे दु‌र्व्यवहार किया तो अब 6 महीने की जेल भुगतनी पड़ सकती है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अभी के 3 महीने कैद वाले प्रावधान को बढ़ाकर 6 महीने करना चाहती है। इसके लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण व कल्याण अधिनियम 2007 में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि संशोधन विधेयक का मसौदा भी तैयार कर लिया गया है। इस मसौदे के तहत बच्चों की परिभाषा का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत गोद लिए या सौतेले बच्चों, दामाद, बहू और पोते-पोतियों को भी किसी व्यक्ति के बच्चों की श्रेणी में शामिल किया गया है। अभी जो कानून लागू है केवल जैविक बच्चे एवं पोते-पोतियों को ही इस श्रेणी में शामिल किया गया हैं।

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जानकारी के मुताबिक संशोधन विधेयक के मसौदे में गुजारा भत्ते की निर्धारित दस हजार रुप प्रति माह की सीमा को भी खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके पीछे तर्क दिया गया है कि, ‘जिन लोगों की कमाई अच्छी है, उन्हें अपने माता-पिता की देखभाल पर अधिक खर्च करना चाहिएमसौदे में देखभाल की परिभाषा भी बदलने का प्रस्ताव है। इसमें खाना, कपड़ा, घर और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के अलावा माता-पिता की सुरक्षा का इंतजाम करना भी शामिल किया गया है।

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बता दें कि अभी कानून लागू है उसके तहत बच्चों और वारिस के लिए अपने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को प्रति महीने दस हजार रुपये का गुजारा भत्ता देना अनिवार्य है। इसमें यह भी प्रावधान है कि अगर कोई बच्चा अपने मां-बाप की अनदेखी करता है या उनकी देखभाल करने से मना करता है तो बुजुर्ग माता-पिता मेंटेनेंस ट्रिब्यूनल में शिकायत कर सकते हैं।

वेब डेस्क, IBC24