राष्ट्रपति मुर्मू ने तमिलनाडु विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक वापस किया

राष्ट्रपति मुर्मू ने तमिलनाडु विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक वापस किया

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  • Publish Date - December 30, 2025 / 02:17 PM IST,
    Updated On - December 30, 2025 / 02:17 PM IST

चेन्नई, 30 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तमिलनाडु मद्रास विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक को पुनर्विचार के लिए विधानसभा को वापस भेज दिया है। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार को देने का प्रावधान किया गया था। एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

तमिलनाडु विधानसभा ने इस विधेयक को अप्रैल 2022 में पारित करके राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा था। इसका उद्देश्य 168 वर्ष पुराने विश्वविद्यालय पर नियंत्रण प्राप्त करना था। वर्तमान में विश्वविद्यालय पिछले दो वर्षों से अधिक समय से बिना किसी स्थायी कुलपति के संचालित हो रहा है।

इस विधेयक के जरिये मद्रास विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास किया गया था। इस संशोधन के माध्यम से कुलपति की नियुक्ति और उन्हें पद से हटाने का अधिकार राज्यपाल (पदेन कुलाधिपति) से राज्य सरकार को देने का प्रस्ताव था। इसके लिए अधिनियम में ‘कुलाधिपति’ शब्द को ‘सरकार’ शब्द से प्रतिस्थापित किया जाना था।

अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति ने हाल ही में विधेयक को पुनर्विचार के लिए विधानसभा को वापस भेज दिया है।

इससे पहले, राज्यपाल आर. एन. रवि ने इस विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने यह आशंका जतायी थी कि राज्य सरकार का यह प्रस्तावित कदम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों और कुलपति नियुक्ति से जुड़े स्थापित मानदंडों के साथ विरोधाभास में हो सकता है।

अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति द्वारा विधेयक वापस किए जाने के बाद अब तमिलनाडु विधानसभा को इस प्रस्तावित कानून पर पुनर्विचार करना होगा।

राज्य के कुल 22 विश्वविद्यालयों में से लगभग 14, जिनमें मद्रास विश्वविद्यालय भी शामिल है, नियमित कुलपतियों की अनुपस्थिति में संयोजक समितियों के तहत संचालित हो रहे हैं।

भाषा प्रचेता मनीषा अमित

अमित