सिलचर, 17 दिसंबर (भाषा) असम के कछार जिले में अवैध आवाजाही को रोकने के लिए प्रशासन ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर निषेधाज्ञा लागू कर दी है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि शांति और स्थिरता को भंग करने के लिए चरमपंथी तत्वों की संभावित आवाजाही और सीमा पार से अनधिकृत गतिविधियों की आशंका को देखते हुए संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में एहतियाती प्रतिबंध लगाए गए हैं।
जिला मजिस्ट्रेट मृदुल यादव ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत मंगलवार को यह आदेश जारी किया है जिसका उद्देश्य लोगों की अवैध आवाजाही, वस्तुओं की तस्करी और संदिग्ध गतिविधियों को रोकना है।
इसके अनुसार, जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगे एक किलोमीटर के दायरे में सूर्यास्त से सूर्योदय तक व्यक्तियों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा।
इसके अलावा, भारतीय क्षेत्र के भीतर सुरमा नदी और उसके ऊपरी तटबंधीय इलाकों में रात के समय आवागमन पर भी रोक लगाई गई है।
इस आदेश में सुरमा नदी पर नौका विहार और मछली पकड़ने की गतिविधियों पर भी सख्त नियंत्रण लगाया गया है।
आदेशानुसार, मछली पकड़ने का अधिकार केवल स्थानीय निवासियों तक सीमित रहेगा, वह भी केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए। इसके लिए उन्हें कटिगोरा के सर्किल अधिकारी से पहले मंजूरी लेनी होगी तथा लीज से संबंधित नियमों का पालन करना होगा।
इसके साथ ही, बांग्लादेश सीमा से लगे जिले की सीमा के भीतर पांच किलोमीटर के दायरे में रात के समय चीनी, चावल, गेहूं, खाद्य तेल और नमक जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि इन प्रतिबंधों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इनकी प्रतियां जिला मजिस्ट्रेट और ढोलचेरा की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 170वीं बटालियन के कमांडेंट को भेजी जाएंगी ताकि नागरिक और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो सके।
भाषा प्रचेता नरेश
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