प्रदर्शनकारी मस्तिष्काघात से पीड़ित बीएलओ को लेकर बंगाल सीईओ कार्यालय पहुंचे
प्रदर्शनकारी मस्तिष्काघात से पीड़ित बीएलओ को लेकर बंगाल सीईओ कार्यालय पहुंचे
कोलकाता, नौ दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के बूथ स्तरीय अधिकारियों के एक संगठन ने मंगलवार को यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिस दौरान एक बीएलओ को एम्बुलेंस में लाया गया और दावा किया गया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ड्यूटी के दौरान अत्यधिक तनाव के कारण उसे गंभीर मस्तिष्काघात हुआ है।
दक्षिण 24 परगना जिले के फ्रेजरगंज ग्राम पंचायत के बूथ 276 के बीएलओ देबाशीष दास पिछले सप्ताह एसआईआर कार्य के दौरान कार्यभार अचानक बढ़ जाने के कारण बेहोश हो गए थे।
प्रदर्शनकारी 57 वर्षीय बीमार बीएलओ को एम्बुलेंस से सीईओ कार्यालय लाए और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने अब तक मुआवजे के रूप में ‘एक भी रुपया नहीं दिया है।’
बीएलओ अधिकार रक्षा समिति के नेताओं ने दावा किया कि मतदाता सूची के एसआईआर की समय सीमा को पूरा करने के लिए वे ‘जबरदस्त दबाव’ में हैं।
समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘हम देबाशीष दास के लिए पर्याप्त मुआवजा और बीएलओ पर पड़े असहनीय कार्यभार से तत्काल राहत चाहते हैं।’
उन्होंने ऐसे उदाहरणों का हवाला दिया जहां राज्य सरकार ने ड्यूटी के दौरान मरने वाले या घायल होने वाले मतदान कर्मियों को मुआवजा दिया था तथा तर्क दिया कि निर्वाचन आयोग द्वारा सौंपे गए कार्य के दौरान बीमार पड़ने वाले बीएलओ के लिए भी इसी तरह की सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया, ‘राज्य सरकार चुनाव ड्यूटी के दौरान हताहत होने पर अनुग्रह राशि प्रदान करती है। निर्वाचन आयोग उन बीएलओ को बुनियादी मुआवजा देने से क्यों इनकार कर रहा है, जो अनिवार्य ड्यूटी का पालन करते हुए स्वास्थ्य संबंधी नुकसान उठा रहे हैं?’
भाषा
नोमान नरेश
नरेश

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