Rahul Gandhi News Latest: राहुल गांधी ने दिखाई दरियादिली, गोद लेंगे दो दर्जन बच्चों को / Image Source: File
नई दिल्ली: Rahul Gandhi to ‘adopt’ 22 children पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। वहीं, अब भारत के संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा जारी है और विपक्ष सरकार को घेरने की कवायद में लगी हुई है। लेकिन इस बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि राहुल गांधी दो दर्जन बच्चों को गोद लेंगे। बता दें कि ये बच्चे उन्हीं लोगों के मासूम हैं जिन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान अपनी जान गवां दी। अब राहुल गांधी ने इन बच्चों परिजन बनेंगे।
Rahul Gandhi to ‘adopt’ 22 children देश की नामी मीडिया संस्थान के अनुसार जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद करा ने बताया कि ”राहुल गांधी पुंछ जिले के 22 बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च उठाएंगे। ये वे बच्चे हैं जिन्होंने या तो अपने दोनों माता-पिता या परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य को खो दिया है।” करा ने बताया, “पहली किस्त की सहायता राशि बुधवार को जारी की जाएगी ताकि इन बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। यह सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक बच्चे स्नातक नहीं कर लेते।” ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने मई में पुंछ का दौरा किया था, जहां उन्होंने स्थानीय कांग्रेस नेताओं से इन प्रभावित बच्चों की सूची तैयार करने को कहा था। इसके बाद एक सर्वे कराया गया और सरकारी रिकॉर्ड की पुष्टि के बाद अंतिम सूची बनाई गई।
पुंछ दौरे के दौरान राहुल गांधी ने भारत-पाकिस्तान हमले के दौरान मारे गए लोगों के बच्चों से मुलाकात की थी और इस दौरान उन्होंने कहा कि “मैं तुम पर बहुत गर्व महसूस करता हूं। तुम्हें अपने छोटे दोस्तों की बहुत याद आती होगी, मुझे इसका दुख है। अब तुम्हें थोड़ा डर भी लगता होगा, लेकिन घबराओ मत, सब कुछ फिर से सामान्य हो जाएगा। तुम्हारा जवाब इस घटना को लेकर यह होना चाहिए कि तुम खूब मन लगाकर पढ़ाई करो, दिल खोलकर खेलो और स्कूल में बहुत सारे दोस्त बनाओ।”
Rahul Gandhi to ‘adopt’ 22 children ज्ञात हो कि पुंछ शहर पाकिस्तान की ओर से हुई भारी गोलाबारी से सबसे अधिक प्रभावित रहा। धार्मिक स्कूल जिया उल उलूम पर हुए हमले में आधा दर्जन से अधिक बच्चे घायल हो गए थे। इस हमले में वीहान भार्गव नाम के बच्चे की मौत उस वक्त हो गई जब उसका परिवार शहर छोड़ने की कोशिश कर रहा था और उसे शेलिंग के दौरान छर्रे लगे।