राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का निलंबन बरकरार रखा

राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का निलंबन बरकरार रखा

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  • Publish Date - June 28, 2021 / 12:40 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

जयपुर, 28 जून (भाषा) राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर को निलंबित करने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वालीं सौम्या गुर्जर की याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति सी के सोंगरा की पीठ ने निगम कानून के प्रावधान की संवैधानिक वैधता को भी बहाल रखा जिसके तहत राज्य को नगर निगम के महापौर को निलंबित करने का अधिकार है।

स्थानीय स्वशासन विभाग ने निगम आयुक्त से कथित तौर पर बदसलूकी करने और अपशब्द कहने पर छह जून को गुर्जर और पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन (तीनों भाजपा के) और शंकर शर्मा (निर्दलीय) को निलंबित करने का आदेश जारी किया था।

अपने निलंबन के साथ कानून की धारा 39 को चुनौती देने वाली गुर्जर ने कहा, ‘‘मैं फैसले के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल करूंगी।’’ निगम कानून की धारा के 39 के तहत राज्य को महापौर को निलंबित करने का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने कहा कि महापौर का पक्ष सुने बिना उन्हें निलंबित किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट उचित थी और सरकार ने कानून के अनुसार काम किया।

पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार गुर्जर और अन्य द्वारा कथित बदसलूकी के मामले की न्यायिक जांच कराने निर्णय ले चुकी है और छह महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया।

राजस्थान में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने शील धाभाई को जयपुर ग्रेटर नगर निगम का अंतरिम महापौर नियुक्त किया है। बदसलूकी की यह घटना तब हुयी थी जब आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव कचरा संग्रहण में जुटी कंपनी के एक मामले को लेकर बैठक के लिए गुर्जर के कक्ष में गए थे।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने महापौर और पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की निन्दा करते हुये कहा है कि पार्टी न्याय के लिये संघर्ष करेगी।

भाषा आशीष अनूप

अनूप