राजस्थान : विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी, पहले दिन एक भी पर्चा नहीं

राजस्थान : विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी, पहले दिन एक भी पर्चा नहीं

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  • Publish Date - March 23, 2021 / 01:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

जयपुर, 23 मार्च (भाषा) राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए पहले दिन मंगलवार को किसी ने पर्चा नहीं भरा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को अधिसूचना जारी होने के साथ ही सुजानगढ़, राजसमंद और सहाड़ा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का कार्य शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि आज किसी भी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार ने कोई नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया।

उन्होंने बताया कि 27 और 29 मार्च सार्वजनिक अवकाश और 28 को रविवार होने के कारण 5 दिन नाम निर्देशन पत्र (नोमिनेशन) स्वीकार किए जाएंगे। उम्मीदवार 30 मार्च तक नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर सकते हैं। 31 मार्च को प्राप्त नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी जबकि तीन अप्रैल तक उम्मीदवार नाम वापस ले सकेंगे। 17 अप्रैल को प्रात: सात बजे से सायं छह बजे तक मतदान होगा जबकि मतगणना दो मई को करवाई जाएगी।

इस बार कोरोना को देखते हुए उम्मीदवारों को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन नामांकन का भी विकल्प दिया गया है। प्रार्थी घर बैठे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए वेबपोर्टल और मोबाइल ऐप से नामांकन दर्ज करवा सकेंगे और शपथ पत्र भी ऑनलाइन दे सकेंगे।

गौरतलब है कि राज्य में राजसमंद जिले की राजसंमद, भीलवाड़ा जिले की सहाड़ा और चूरू जिले की तीनों विधानसभाओं में कुल 7 लाख 43802 मतदाता हैं। अभी तक सत्तारूढ़ कांग्रेस व भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं।

इस बीच भारत निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा किए जाने वाले खर्चे व सामान्य निगरानी के लिए तीन व्यय पर्यवेक्षक और तीन सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं।

आयोग ने सुजानगढ़ के लिए श्रीमती आर. जया को सामान्य व महेश जी. जिवाडे को व्यय पर्यवेक्षक, राजसमंद विधानसभा के लिए राकेश रंजन को सामान्य व मुकेश राठौड़ को व्यय पर्यवेक्षक और सहाड़ा के लिए अमित कुमार घोष को सामान्य और अभय कुमार सिंह को व्यय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि सभी पर्यवेक्षक नामांकन के सातवें दिन यानी कि 30 मार्च तक क्षेत्र में पहुंच जाएंगे।

भाषा पृथ्वी कुंज अर्पणा

अर्पणा