‘राजपथ’ अब इतिहास की बात, ‘कर्तव्य पथ’ के रूप में नए इतिहास का सृजन: प्रधानमंत्री |

‘राजपथ’ अब इतिहास की बात, ‘कर्तव्य पथ’ के रूप में नए इतिहास का सृजन: प्रधानमंत्री

‘राजपथ’ अब इतिहास की बात, ‘कर्तव्य पथ’ के रूप में नए इतिहास का सृजन: प्रधानमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:22 PM IST, Published Date : September 8, 2022/8:33 pm IST

नयी दिल्ली, आठ सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को यहां सेंट्रल विस्‍टा के राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ‘‘कर्तव्‍य पथ’’ का उद्धाटन और इंडिया गेट के पास स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया और इस अवसर को ‘‘ऐतिहासिक’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ करार दिया।

उन्होंने पूर्ववर्ती ‘‘राजपथ’’ को गुलामी का प्रतीक बताया और कहा कि आज से यह इतिहास की बात हो गया है और हमेशा के लिए मिट गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है। मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘कर्तव्य पथ’’ के उद्घाटन और नेताजी की प्रतिमा के अनावरण से आजादी के अमृत महोत्सव में देश को आज एक नई प्रेरणा और नई ऊर्जा मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। आज जो हर तरफ ये नई आभा दिख रही है, वो नए भारत के आत्मविश्वास की आभा है।’’

प्रधानमंत्री ने नेताजी की प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख करते हुए कहा कि पहले वहां गुलामी के समय ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी लेकिन आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की प्रतिमा की स्थापना करके आधुनिक और सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अवसर ऐतिहासिक है, अभूतपूर्व है।’’

बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की गई है, जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस (23 जनवरी) के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था। इस होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर किया गया था।

राष्‍ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच के मार्ग ‘‘कर्तव्‍य पथ’’ को मोदी सरकार की महत्‍वाकांक्षी सेंट्रल विस्‍टा पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत पुनर्निमित किया गया है।

ज्ञात हो कि नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से मिले एक प्रस्ताव को पारित कर ‘‘राजपथ’’ का नाम बदलकर उसे ‘‘कर्तव्य पथ’’ कर दिया। अब इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरे इलाके को ‘‘कर्तव्य पथ’’ कहा जाएगा।

राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के इलाकों में भीड़ के कारण बुनियादी ढांचे पर पड़ते दबाव और सार्वजनिक शौचालय, पीने के पानी, स्ट्रीट फर्नीचर और पार्किंग स्थल की पर्याप्त व्यवस्था जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण राजपथ का पुनर्विकास किया गया है।

इसमें वास्तु शिल्प का चरित्र बरकरार रखा गया है।

कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं से युक्त होगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे-भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नयी सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे।

इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइट से लोगों को बेहतर अनुभव होगा।

इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ‘ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था’ जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएं शामिल हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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