कोलकाता, तीन दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बागी विधायक हुमायूं कबीर ने यह कहकर बुधवार को सियासी पारा चढ़ा दिया कि वह राजभवन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए छह दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद के शिलान्यास करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि राज्य प्रशासन द्वारा उन्हें रोकने के किसी भी प्रयास का व्यापक विरोध होगा। कबीर का कई महीनों से सत्तारूढ़ पार्टी और अधिकारियों के साथ टकराव जारी है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनका कार्यक्रम ‘संवैधानिक अधिकारों के तहत’ आगे बढ़ेगा और इसमें ‘लाखों’ लोग शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने दावा किया कि ‘किसी भी समुदाय को कोई असुविधा न हो’ यह सुनिश्चित करने के लिए 2,000 स्वयंसेवक मौके पर मौजूद रहेंगे।
राजभवन की आलोचना करते हुए उन्होंने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा राज्य सरकार को लिखे पत्र को ‘निराधार’, ‘राजनीति से प्रभावित’ और ‘संवैधानिक अनुशासन से परे’ बताया।
इस पत्र में बोस ने कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी की आशंका जताई थी।
कबीर ने कहा, ‘‘वह निर्वाचित व्यक्ति नहीं हैं। कानून-व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उनका डर निरर्थक है और उनकी सलाह अनावश्यक है।’’
मुर्शिदाबाद प्रशासन ने फिलहाल इसकी अनुमति नहीं दी है। जिला अधिकारियों ने बताया कि क़ानून-व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है।
कबीर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘अगर प्रशासन हमें रोकने की कोशिश करेगा, तो रेजिनगर से बेहरामपुर तक का राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया जाएगा। मेरा संदेश साफ़ है – आग से मत खेलो।’’
कांग्रेस, तृणमूल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और फिर वापस तृणमूल में शामिल हुए कबीर कई बार दलबदल कर चुके हैं। उन्होंने जिला अधिकारियों को चुनौती दी तथा उन पर ‘आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया।
छह दिसंबर का उनका चयन राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। उसी दिन 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था।
टीएमसी इस दिन को ‘संघर्ष दिवस’ के रूप में मनाती है। राज्य सरकार ने इस साल छह दिसंबर को अवकाश भी घोषित किया है।
राज्य में मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद नेता सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने प्रस्तावित मस्जिद के नामकरण पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘‘बाबरी मस्जिद के नाम पर मस्जिद का शिलान्यास करने या उसे स्थापित करने से मुस्लिम मुद्दे हल नहीं होंगे।’’
भाजपा नेता केया घोष ने कहा, ‘‘तृणमूल सांप्रदायिक तनाव चाहती है। चुनाव से पहले ध्रुवीकरण के अपने हितों की पूर्ति के लिए वे जानबूझकर तनाव बढ़ने दे रहे हैं।’’
भाषा यासिर अविनाश
अविनाश