जयपुर, 15 दिसंबर (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की कवायद की आलोचना करते हुए सोमवार को इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति सरकार की ओछी मानसिकता और असम्मान का प्रमाण बताया है।
गहलोत ने एक बयान में कहा है कि राजग सरकार पहले ‘पूज्य बापू’ के नाम का शिगूफा छोड़ती है तथा फजीहत होने पर अब ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (वीबी-जी राम जी)’ जैसा नाम थोपना चाहती है।
गहलोत के अनुसार बार-बार नाम बदलने की यह बेचैनी भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के अपराधबोध को दर्शाती है।
वैश्विक मंच पर गांधी जी के सम्मान का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि एक ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जी-20 के तमाम राष्ट्राध्यक्ष राजघाट जाकर बापू को नमन करते हैं। आजादी के बाद से ही भारत आने वाले सभी राष्ट्राध्यक्ष राजघाट जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिससे विश्व पटल पर महात्मा गांधी का कद पता चलता है। वहीं दूसरी ओर, यह विडंबना है कि अपने ही देश में उन्हें मिटाने की साजिश रची जा रही है।
गहलोत ने इस कदम को भावनात्मक रूप से गलत बताते हुए स्पष्ट कहा कि महात्मा गांधी आजीवन प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त रहे और अंतिम समय में भी उन्होंने ‘हे राम’ ही पुकारा था। आज केंद्र सरकार उसी ‘राम’ नाम (वीबी-जी राम जी) की आड़ लेकर गांधी जी को दरकिनार करने का जो कुप्रयास कर रही है, वह अत्यंत निंदनीय है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को इस फैसले पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए, अन्यथा दुनिया भर में इसका संदेश बहुत गलत जाएगा।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर वर्ष दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया जाता है जो दिखाता है कि दुनियाभर में महात्मा गांधी का कितना सम्मान है। उन्होंने कहा, “ऐसे कृत्यों से लगता है कि भाजपा का अहिंसा में विश्वास नहीं है।”
भाषा पृथ्वी प्रशांत
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