प्रत्येक जलविद्युत परियोजना की न्यूनतम जल प्रवाह की जिम्मेदारी :एनजीटी

प्रत्येक जलविद्युत परियोजना की न्यूनतम जल प्रवाह की जिम्मेदारी :एनजीटी

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  • Publish Date - January 11, 2021 / 10:39 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को जलविद्युत परियोजनाओं से न्यूनतम जल का प्रवाह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि व्यापारिक और व्यावसायिक हितों की वजह से पानी के पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखने की जरूरत को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रत्येक जलविद्युत परियोजना (एचईपी) में न्यूनतम जल प्रवाह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है, चाहे उसकी शुरुआत कभी भी हुई हो।

पीठ ने कहा, ‘‘ ‘सतत विकास’ के तहत यह जिम्मेदारी है जो जीवन के अधिकार का हिस्सा है। इसी के अनुसार अधिकरण ने उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल (उत्तरी क्षेत्र), असम और जम्मू कश्मीर राज्यों समेत सभी जलविद्युत परियोजनाओं द्वारा अनुपालन किये जाने का निर्देश दिया।’’

न्यायाधिकरण ने राष्ट्रीय जलविद्युत ऊर्जा निगम की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें काम नहीं होने के दौरान 15 प्रतिशत ई-प्रवाह (नदी की पारिस्थितिकीय प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए जरूरी पानी की गुणवत्ता और समय) बनाये रखने के लिए पानी छोड़ने से छूट की मांग की गयी थी।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें इस दलील में कुछ तथ्य नजर नहीं आता। सतत विकास के तहत कार्यों को पूरा करना होगा। हमें ऐसा करने में कोई अड़चन नहीं दिखाई देती। इस उद्देश्य से जो भी बदलाव जरूरी हैं, निश्चित रूप से किये जा सकते हैं।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश